नई दिल्ली में आयोजित CBIC सम्मेलन 2025 के दौरान, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने खुलासा किया कि वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में वस्तु एवं सेवा कर (GST) चोरी ₹2.23 लाख करोड़ तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष (FY24 में ₹2.02 लाख करोड़) की तुलना में 10% अधिक है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मामलों की त्वरित जांच, जीएसटी पंजीकरण में सरलता और कर चोरी के खिलाफ सख्त रणनीति अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
पृष्ठभूमि
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GST भारत की एकीकृत अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है, जिसे जुलाई 2017 में लागू किया गया था।
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CBIC भारत में अप्रत्यक्ष करों जैसे GST, सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के प्रशासन का जिम्मा संभालता है।
प्रमुख आँकड़े (FY25)
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GST चोरी का पता चला: ₹2.23 लाख करोड़ (FY24 में ₹2.02 लाख करोड़ से 10% अधिक)
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करदाताओं द्वारा स्वैच्छिक भुगतान: ₹28,909 करोड़
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ऑडिट कवरेज: FY23 के 62.21% से बढ़कर 88.74%
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GSTR-3B रिटर्न दाखिल करने की राष्ट्रीय औसत दर: 94.3%
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रिफंड प्रदर्शन: 85% रिफंड 60 दिनों के भीतर निपटाए गए
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शिकायत निवारण समय: 21 दिन से घटाकर 9 दिन
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CPGRAMS अपील निपटान: 30 दिनों में 95–97% मामले निपटाए गए (90 मंत्रालयों में शीर्ष 5 में शामिल)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के निर्देश
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सीमा शुल्क और CGST मामलों की जांच शीघ्र समाप्त की जाए
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तकनीक और जोखिम-आधारित प्रणाली से GST पंजीकरण सरल बनाया जाए
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CGST ज़ोन में हेल्पडेस्क स्थापित कर दस्तावेज़ अस्वीकृति को कम किया जाए
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व्यापारियों और करदाताओं के लिए जागरूकता अभियान तेज किए जाएं
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CBIC में रिक्त पदों को जल्द भरा जाए और लंबित अनुशासनात्मक मामलों का समाधान हो
सीमा शुल्क और व्यापार सुविधा से जुड़े अपडेट
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जोखिम प्रबंधन प्रणाली (RMS) का उपयोग 2025 में बढ़कर 86% हुआ (2022 में यह 82% था)
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बंदरगाहों और इनलैंड कंटेनर डिपो (ICDs) में डवेल टाइम घटाने पर जोर
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सीज किया गया सोना: 2,140.35 किलोग्राम सोना सिक्का और नोट छपाई निगम (SPMCIL) को सौंपा गया
यह रिपोर्ट न केवल भारत की कर चोरी से निपटने की चुनौतियों को उजागर करती है, बल्कि शासन में डिजिटलीकरण, जवाबदेही और करदाताओं की सहूलियत पर केंद्रित सुधारों को भी रेखांकित करती है।