गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) परिषद इन दिनों फर्जी पंजीकरण पर लगाम लगाने के लिये एक के बाद एक बड़ा कदम उठा रही है। फर्जी पंजीकरण से निपटने और जीएसटी प्रणाली की अखंडता को बढ़ाने के लिए, जीएसटी परिषद नए उपायों को लागू करने पर विचार कर रही है। इन उपायों में पैन से जुड़े बैंक खाते के विवरण जमा करने की समय अवधि को कम करना, “उच्च जोखिम” आवेदकों के लिए अनिवार्य भौतिक सत्यापन शुरू करना और सत्यापन के दौरान आवेदकों की उपस्थिति के संबंध में जीएसटी नियमों में संशोधन करना शामिल है।
नए नियम के तहत अब पंजीकरण चाहने वाले व्यक्ति के पैन से जुड़े बैंक खाते की डिटेल टैक्स अधिकारियों के पास जमा करने को लेकर अब मौजूदा समय अवधि को 45 दिनों से घटाकर 30 दिन तक करने की संभावना है।
जीएसटी परिषद की 11 जुलाई को होने वाली बैठक में, जीएसटी पंजीकरण देने से पहले ‘उच्च जोखिम’ वाले आवेदकों के कारोबारी परिसर के अनिवार्य रूप से भौतिक सत्यापन (Physical Verification) का प्रावधान कर सकती है।
आपको बता दें कि केंद्र और राज्य जीएसटी अधिकारी इस समय फर्जी रजिस्ट्रेशन को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चला रहे हैं। इसी अभियान के तहत अभी तक जीएसटी अधिकारियों ने 17,000 ऐसे GSTINs पाया जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं था। अधिकारियों ने इनमें से 11,015 GSTINs को निलंबित कर दिया और 4,972 को रद्द कर दिया जबकि 15,000 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का भी भांडा फोड़ा।
जीएसटी परिषद: जीएसटी परिषद भारत में एक संवैधानिक निकाय है जो वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली से संबंधित निर्णय और सिफारिशें करने के लिए जिम्मेदार है।
कर सुधार: जीएसटी परिषद का गठन पूरे देश में एक एकीकृत कर व्यवस्था शुरू करके भारत में अप्रत्यक्ष कराधान को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से किया गया था।
संरचना: जीएसटी परिषद में अध्यक्ष के रूप में केंद्रीय वित्त मंत्री और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
निर्णय लेना: परिषद जीएसटी के विभिन्न पहलुओं पर निर्णय लेती है, जिसमें कर दरें, छूट, सीमाएं, अनुपालन आवश्यकताएं और प्रक्रियात्मक परिवर्तन शामिल हैं।
बैठकें: जीएसटी कार्यान्वयन और सुधारों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा और निर्णय लेने के लिए जीएसटी परिषद समय-समय पर बैठक करती है। ये बैठकें केंद्र और राज्य सरकारों के बीच आम सहमति बनाने के लिए एक मंच प्रदान करती हैं।
कर दरें: परिषद विभिन्न कर स्लैब, जैसे 5%, 12%, 18% और 28% के तहत वस्तुओं और सेवाओं के लिए कर दरें निर्धारित करती है। यह आवश्यक वस्तुओं, विलासिता की वस्तुओं और बड़े पैमाने पर उपभोग की वस्तुओं के लिए विशिष्ट दरों पर भी निर्णय लेता है।
निर्णय लेने की प्रक्रिया: जीएसटी परिषद के निर्णय एक मतदान तंत्र के माध्यम से लिए जाते हैं, जिसमें अनुमोदन के लिए तीन-चौथाई बहुमत की आवश्यकता होती है।
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