भारत का सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह सितंबर 2024 में 40 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया, जिसमें केवल 6.5% की वृद्धि के साथ ₹1.73 लाख करोड़ का संग्रह हुआ। शुद्ध जीएसटी प्राप्तियां 3.9% बढ़ीं, जो कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में सबसे धीमी वृद्धि है। हालांकि, शुद्ध संग्रह अगस्त की तुलना में थोड़ी बढ़त में था, जो 1.5% अधिक था। इस धीमी वृद्धि का कारण घरेलू लेनदेन और आयात से कमजोर राजस्व वृद्धि है, हालाँकि आयात में 8% की वृद्धि हुई। जीएसटी रिफंड में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जिसमें कुल रिफंड में 31% की वृद्धि हुई, जबकि अगस्त में यह 38% बढ़ा था।
| महीना | जीएसटी संग्रहण (₹ करोड़) |
|---|---|
| जनवरी 2024 | ₹1,72,129 करोड़ |
| फरवरी 2024 | ₹1,68,337 करोड़ |
| मार्च 2024 | ₹1.78 लाख करोड़ |
| अप्रैल 2024 | ₹2.10 लाख करोड़ |
| मई 2024 | ₹1.73 लाख करोड़ |
| जून 2024 | ₹1.74 लाख करोड़ |
| जुलाई 2024 | ₹1.82 लाख करोड़ |
| अगस्त 2024 | ₹1.75 लाख करोड़ |
| सितंबर 2024 | ₹1,73,240 करोड़ |
सितंबर का राजस्व अगस्त के लेनदेन को दर्शाता है, और गिरावट के बावजूद, विशेषज्ञ आने वाले महीनों में त्योहारों के मौसम के साथ सुधार की भविष्यवाणी कर रहे हैं। वर्ष के दौरान (अप्रैल-सितंबर) संग्रह ₹10.87 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष के इसी अवधि में ₹9.92 लाख करोड़ की तुलना में 9.5% की वृद्धि है।
जीएसटी एक समग्र अप्रत्यक्ष कर है जो 1 जुलाई 2017 को भारत में लागू किया गया, जिसने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए कई करों को प्रतिस्थापित किया। यह एक गंतव्य-आधारित कर है जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लागू होता है, जिसका उद्देश्य पूरे देश में एकीकृत और सरल कर ढांचे का निर्माण करना है।
जीएसटी विभिन्न वस्तुओं या सेवाओं के प्रकार के आधार पर विभिन्न दरों पर लगाया जाता है। प्रमुख दर स्लैब हैं:
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