भारत की डिजिटल गवर्नेंस यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव पर, ग्राम पंचायतों को पहली बार समर्पित श्रेणी में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार (NAeG) 2025 से सम्मानित किया गया। ये पुरस्कार 22 सितंबर 2025 को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में आयोजित 28वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा प्रदान किए गए।
इस बार का सम्मेलन “विकसित भारत: सिविल सेवा और डिजिटल परिवर्तन” विषय पर आधारित था और इसमें जमीनी स्तर पर डिजिटल नवाचारों को सम्मानित किया गया। 1.45 लाख से अधिक प्रविष्टियों का बहु-स्तरीय मूल्यांकन किया गया, जिनमें से चयनित ग्राम पंचायतें डिजिटल परिवर्तन, पारदर्शिता और नागरिक-केन्द्रित सुशासन की मिसाल बनीं।
पुरस्कृत ग्राम पंचायतें और उनके नवाचार
स्वर्ण पुरस्कार: रोहिणी ग्राम पंचायत, महाराष्ट्र
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महाराष्ट्र की पहली पूर्णत: पेपरलेस ई-ऑफिस ग्राम पंचायत बनी।
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जन्म प्रमाण पत्र, परमिट और कल्याणकारी योजनाओं सहित 1,027 ऑनलाइन सेवाएँ उपलब्ध।
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सभी परिवारों में 100% डिजिटल साक्षरता हासिल।
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रियल-टाइम शिकायत निवारण प्रणाली और बल्क एसएमएस सुविधा, जिससे हर परिवार शासन के फैसलों से जुड़ा रहता है।
रजत पुरस्कार: वेस्ट मजलिशपुर ग्राम पंचायत, त्रिपुरा
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नागरिक चार्टर-आधारित पंचायत के रूप में विकसित।
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जन्म/मृत्यु/विवाह पंजीकरण, मनरेगा जॉब कार्ड, व्यापार लाइसेंस और संपत्ति रिकॉर्ड की डिजिटल सेवाएँ।
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सभी आवेदन और सेवा अनुरोधों की डिजिटल ट्रैकिंग, जिससे समयबद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित।
जूरी पुरस्कार: पलसाना ग्राम पंचायत, गुजरात
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डिजिटल गुजरात और ग्राम सुविधा जैसे पोर्टलों का एकीकरण।
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क्यूआर/यूपीआई आधारित संपत्ति कर भुगतान और ऑनलाइन शिकायत निवारण व्यवस्था।
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हर साल 10,000 से अधिक नागरिक डिजिटल सेवाओं का लाभ लेते हैं।
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टेक्नोलॉजी-आधारित स्थानीय शासन से आसान जीवन का उदाहरण।
जूरी पुरस्कार: सुआकाती ग्राम पंचायत, ओडिशा
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OdishaOne और Seva Odisha प्लेटफॉर्म से 24/7 आवश्यक सेवाओं तक पहुँच।
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सेवा वितरण की रियल-टाइम ट्रैकिंग और पंचायत शासन में महिला नेतृत्व पर बल।
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डिजिटल पहुँच से समावेशी सुशासन को अंतिम छोर तक मज़बूत किया।
पुरस्कार राशि और मान्यता
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प्रत्येक पंचायत को ट्रॉफी, प्रमाणपत्र और वित्तीय अनुदान प्रदान किया गया।
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स्वर्ण पुरस्कार – ₹10 लाख
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रजत पुरस्कार – ₹5 लाख
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राशि का उपयोग नागरिक-केन्द्रित नवाचारों में पुनर्निवेश हेतु किया जाएगा।
ग्राम स्तर पर डिजिटल शासन का नया युग
DARPG (प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग) और पंचायती राज मंत्रालय (MoPR) द्वारा शुरू की गई इस पहली बार की मान्यता का अर्थ है कि शासन सुधार अब केवल उच्चस्तरीय नौकरशाही तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्राम स्तर पर भी स्थापित हो चुके हैं।
सफलता की झलकियाँ:
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डिजिटल समावेशन: दूरस्थ गाँवों तक सरकारी सेवाएँ पहुँचना।
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पारदर्शिता और जवाबदेही: रियल-टाइम मॉनिटरिंग, पेपरलेस संचालन, डिजिटल चार्टर।
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आसान जीवन: नागरिकों को अब प्रमाण पत्र/सेवाओं के लिए यात्रा या लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता, अधिकांश सेवाएँ ऑनलाइन या मोबाइल से उपलब्ध।
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महिला सशक्तिकरण: कई पंचायतों में महिला नेतृत्व से शासन अधिक समावेशी।
स्थिर तथ्य
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NAeG (National Awards for e-Governance): यह वार्षिक पुरस्कार DARPG द्वारा ई-गवर्नेंस में उत्कृष्टता के लिए प्रदान किए जाते हैं।
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2025 में पहली बार ग्राम पंचायतों और जमीनी डिजिटल नवाचार को समर्पित श्रेणी जोड़ी गई।
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1.45 लाख से अधिक प्रविष्टियाँ मूल्यांकन के लिए प्राप्त हुईं।
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सरपंच: ग्राम पंचायत का निर्वाचित मुखिया।


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