सरकार ने छोटी जमा योजनाओं पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। इनमें पोस्ट ऑफिस सावधि जमा, एनएससी (नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट) और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना शामिल हैं। अर्थव्यवस्था में ब्याज दरों में मजबूती के तहत एक जनवरी से इन जमा योजनाओं की ब्याज दर 1.1 प्रतिशत तक बढ़ाने की घोषणा की गई है।
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हालांकि, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) और बालिका बचत योजना सुकन्या समृद्धि पर ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया गया है। राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर एक जनवरी से सात फीसदी ब्याज मिलेगा फिलहाल यह 6.8 फीसदी है। इसी तरह, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर वर्तमान के 7.6 प्रतिशत के मुकाबले 8 प्रतिशत ब्याज मिलेगा।
मुख्य बिंदु
- एक से पांच साल की अवधि की पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट स्कीम्स पर ब्याज दरें एक जनवरी 2023 से 1.1 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगी। मासिक आय योजना में भी ब्याज दर 6.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.1 प्रतिशत कर दी गई है।
- सरकार ने पोस्ट ऑफिस की एक साल की सेविंग्स स्कीम पर ब्याज दर बढ़ाकर 6.6% कर दी है जो पहले 5.5 प्रतिशत थी। जबकि 2 साल की स्कीम पर 6.8% की दर से ब्याज मिलेगा, जो पहले 5.7 प्रतिशत था। 3 साल की स्कीम पर ब्याज दर बढ़कर 6.9% कर दी गई है, जो पहले 5.8 प्रतिशत थी। वहीं, पांच साल की स्कीम पर 7% की दर से ब्याज मिलेगा, यह पहले 6.7 प्रतिशत था।
- केंद्र सरकार तिमाही आधार पर छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करती है। छोटी बजत योजनाओं के लिए ब्याज दर निकालने का फॉर्मूला श्यामला गोपीनाथ कमेटी ने दिया था। समिति के सुझावों के अनुसार विभिन्न योजनाओं की ब्याज दरें समन मैच्यरोरिटी वाले केंद्र सरकार के बॉन्ड प्रतफिलों से 25 से 100 बीपीएस अधिक होनीं चाहिए।
- कुछ खाद्य उत्पादों के दाम घटने से औद्योगिकी श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति घटकर नवंबर में 5.41 प्रतिशत पर आ गई। अक्तूबर में यह 6.08 फीसदी रही थी। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबद्ध श्रम ब्यूरो ने एक बयान में यह जानकारी दी।
- इसके मुताबिक नवंबर 2021 में औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 4.84 फीसदी थी। पिछले महीने खाद्य मुद्रास्फीति 4.30 फीसदी रही, जबकि अक्तूबर में यह 6.52 और नवंबर 2021 में 3.40 फीसदी रही थी।