चावल की कीमतों को नियंत्रण करने के लिए सरकार अब एफसीआई चावल को ‘भारत’ ब्रांड के तहत बेचने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इस प्रस्ताव की जानकारी खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी द्वारा दी गई है। अधिकारी ने बताया कि अभी तक इसकी रियायती दरें तय नहीं हुई है। इससे पहले सरकार ने ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत ई-नीलामी के माध्यम से चावल की बिक्री शुरू की थी।
सरकार ने यह कदम चावल की कीमतों को कम करने के लिए किया था, परंतु इसकी प्रतिक्रिया उतनी अच्छी नहीं मिली। मंत्रालय के अधिकारी ने पीटीआई एजेंसी को बताया कि भारत ब्रांड चावल की खुदरा बिक्री का प्रस्ताव है, लेकिन इसके लिए अभी कोई कीमत तय नहीं की गई है।
ओएमएसएस के तहत
- ओएमएसएस के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) 29 रुपये प्रति किलोग्राम के क्वॉलिटी वाले चावल की खरीदारी की पेशकश की है।
- भारत ब्रांड इन चावल को कम या समान दर पर बेचेगा। इसका फैसला मंत्रालय द्वारा लिया जाएगा। सरकार पहले से ही भारत ब्रांड के तहत गेंहू का आटा और दालें बेच रही थी।
- यह भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED), राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) और केंद्रीय भंडार की दुकानों में बेची जा रही थी।
- इस साल ओएमएसएस के तहत केवल 3.04 लाख टन चावल ही बेच पाई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, गेहूं के मामले में, नोडल एजेंसी ने ओएमएसएस के तहत 82.89 लाख टन गेहूं बेचा है।
- चावल की मुद्रास्फीति साल-दर-साल 13 फीसदी पर है। सरकार 2024 के आम चुनावों से पहले प्रमुख खाद्य कीमतों को लेकर चिंतित है।