आईटी मंत्रालय के मुताबिक, सरकार डेबिट कार्ड, बीएचआईएम यूपीआई या आधार-सक्षम भुगतान प्रणालियों के माध्यम से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए 2,000 रुपये तक के लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) शुल्क पर छूट देगी.
बीएचआईएम यूपीआई मंच और एईपीएस (Aadhaar enabled Payment System) के माध्यम से व्यापारियों को किए गए भुगतान पर एमडीआर शुल्क लगाया जाता है. 2,000 रुपये तक के डिजिटल ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) 2 साल तक खुद सरकार चुकाएगी. यह छूट 1 जनवरी, 2018 से लागू होगी.
मर्चेंट डिस्काउंट रेट क्या है?
मर्चेंट डिस्काउंट रेट वह कमिशन होता है जो प्रत्येक कार्ड ट्रांजैक्शन सेवा के लिए दुकानदार बैंक को देता है. कार्ड ट्रांजैक्शन के लिए पॉइंट ऑफ सेल मशीन बैंक के द्वारा लगाई जाती है. बैंक द्वारा एमडीआर के तौर पर कमाई गई राशि में से कार्ड जारी करने वाले बैंक और कुछ हिस्सा पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स जैसे वीजा, मास्टरकार्ड या एनपीसीआई को दिया जाता है.
RBI Assistant मुख्य परीक्षा के लिए उपरोक्त समाचार से परीक्षा उपयोगी तथ्य –
- भारत के वर्तमान सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री- रवि शंकर प्रसाद.
स्रोत- द इकोनॉमिक टाइम्स