सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के PF पर ब्याज दरों को बरकरार रखा है। वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर तिमाही के लिए ब्याज की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) पर 7.1 फीसदी की दर से ब्याज दिया जाएगा। वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इकॉनमिक अफेयर्स ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि सूचित किया जाता है कि वित्त वर्ष 2023-2024 की अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के लिए जनरल पब्लिक फंड (GPF) के सब्सक्राइबर्स के लिए ब्याज दरों को 7.1 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। जनरल प्रोविडेंट फंड और अन्य मिलते जुलते फंड्स के लिए 1 अक्टूबर 2023 से 31 दिसंबर 2023 तक के लिए 7.1 फीसदी का ब्याज दर प्रभावी किया जा रहा है।
2023 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए सरकार ने जीपीएफ और मिलेजुले फंड पर ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। यह लगातार 16वीं तिमाही है जब जीपीएफ और मिलेजुले फंड्स पर ब्याज दर नहीं बढ़ाई गई है। बता दें कि जीपीएफ और मिलेजुले फंड्स की ब्याज दरें सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) की ब्याज दर को फॉलो करती हैं। ऐसे में पीपीएफ की ब्याज दर बढ़ने पर इन फंड की ब्याज दर भी बढ़ती है। वित्त मंत्रालय ने दिसंबर तिमाही के लिए पीपीएफ की ब्याज दरें नहीं बढ़ाई हैं।
जनरल भविष्य निधि (GPF) केवल सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है। जीपीएफ के तहत सभी सरकारी कर्मचारियों को अपने वेतन का तय प्रतिशत सामान्य भविष्य निधि में योगदान करना होता है। इसलिए, रोजगार अवधि के दौरान जमा हुई कुल राशि का भुगतान कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के समय किया जाता है। वित्त मंत्रालय हर तिमाही में इस जीपीएफ पर ब्याज दर में संशोधन करता है।
कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ जमा राशि पर वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 8.15% की नई ब्याज दर लागू होगी। कर्मचारी भविष्य निधि खाते पर ब्याज दर वर्ष में केवल एक बार यानी संबंधित वित्तीय वर्ष के 31 मार्च को मिलती है। केंद्र सरकार ने ईपीएफओ को 2022-23 के लिए 8.15% की दर से ब्याज जमा करने की मंजूरी दे दी है।
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ईपीएफ संगठित क्षेत्र के वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए एक अनिवार्य सेवानिवृत्ति बचत विकल्प के रूप में कार्य करता है। इस फंड में योगदान कर्मचारी और नियोक्ता दोनों द्वारा किया जाता है। दूसरी ओर, जीपीएफ खाता पूरी तरह से सरकारी कर्मचारियों को समर्पित है।
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