भारत सरकार ने भारतीय बंदरगाहों की दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार लाने के उद्देश्य से ‘सागर आंकलन’ दिशानिर्देश पेश किए हैं। ये दिशानिर्देश सभी बंदरगाहों पर लागू किए जाएंगे।
‘सागर आंकलन’ दिशानिर्देशों का उद्देश्य भारतीय बंदरगाहों की दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है। देश भर में लागू, भारतीय बंदरगाहों के प्रदर्शन की राष्ट्रीय बेंचमार्किंग के लिए ये दिशानिर्देश देश के समुद्री बुनियादी ढांचे को पुनर्जीवित करने के लिए निर्धारित हैं।
मुख्य विचार
- पहल का शुभारंभ: केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भारतीय बंदरगाह प्रदर्शन सूचकांक के लिए ‘सागर आंकलन’ दिशानिर्देशों के शुभारंभ का नेतृत्व किया, जो बंदरगाह दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक ठोस प्रयास का संकेत देता है।
- वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन 2023 के बाद कार्य योजना: केंद्रीय शिपिंग मंत्रालय ने शिखर सम्मेलन के दौरान किए गए समझौतों के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन 2023 के बाद एक कार्य योजना तैयार की, जो समुद्री विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
वधावन बंदरगाह परियोजना प्रगति
महाराष्ट्र की वधावन बंदरगाह परियोजना, जो जेएनपीटी और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड के बीच एक सहयोग है, को पर्यावरणीय मंजूरी मिल गई है, जो कार्यान्वयन के करीब एक कदम आगे बढ़ गई है। 76,220 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना को कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है, जो समुद्री बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण प्रगति है।