भारत सरकार ने बिना पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) के कमीशन वाले बिजली संयंत्रों से मध्यम अवधि के तहत तीन साल के लिए, प्रतिस्पर्धी आधार पर कुल 2500 मेगावाट की बिजली की खरीद के लिए एक पायलट योजना शुरू की है.
इसका उद्देश्य ऐसे बिजली संयंत्रों को फिर शुरू करना है जो पीपीए नहीं होने के कारण बिजली बेच पाने में असमर्थ हैं. ये संयंत्र योजना के तहत बिजली आपूर्ति के लिए बोली लगा सकते हैं.
स्रोत-एआईआर वर्ल्ड सर्विस
नाबार्ड ग्रेड-A परीक्षा 2018 के लिए मुख्य तथ्य-
- राज कुमार सिंह ऊर्जा मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं.


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