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सरकार ने कच्चे पेट्रोलियम पर अप्रत्याशित कर बढ़ाया

सरकार ने कच्चे पेट्रोलियम पर अप्रत्याशित कर बढ़ाया |_30.1

भारत सरकार ने पेट्रोलियम उद्योग से संबंधित अपनी कर नीतियों में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। इन परिवर्तनों में घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे पेट्रोलियम पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) में वृद्धि, साथ ही डीजल और एविएशन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) पर शुल्क में कटौती शामिल है। यहां मुख्य विवरण हैं:

 

1. घरेलू कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर

सरकार ने कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर 30 सितंबर के प्रभाव से बढ़ाकर 12,100 रुपये प्रति टन कर दिया। गत 15 सितंबर को हुई अंतिम पाक्षिक समीक्षा में घरेलू तौर पर उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) 10,000 रुपये प्रति टन तय किया गया था। अप्रत्याशित कर का उद्देश्य कच्चे पेट्रोलियम क्षेत्र में अत्यधिक लाभ अर्जित करना है।

 

2. डीजल ड्यूटी में कटौती

सरकार ने डीजल के निर्यात पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) को कम करने का फैसला किया है। डीजल पर शुल्क 5.50 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया जाएगा। इस समायोजन का उद्देश्य उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए डीजल को अधिक किफायती बनाना है।

 

3. एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) ड्यूटी में कमी

विमानों के ईंधन या एवियेशन टर्बाइन फ्यूल पर शुल्क मौजूदा 3.5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर शनिवार के प्रभाव से 2.5 रुपये प्रति लीटर किया जाएगा। इस कटौती से एयरलाइंस के लिए परिचालन लागत कम होने की उम्मीद है।

 

4. पेट्रोल एसएईडी में कोई बदलाव नहीं

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पेट्रोल पर एसएईडी अपरिवर्तित रहेगा, पेट्रोल पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जाएगा। भारत ने सबसे पहले एक जुलाई, 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था।

 

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FAQs

विश्व में कच्चे तेल का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन सा है?

वर्तमान में सऊदी अरब, रूस और अमेरिका विश्व के सबसे बड़े तेल उत्पादक देश हैं।