सरकार ने सामाजिक शेयर बाजार स्थापित करने की तैयारियों के बीच गैर-लाभकारी संस्थानों के मामले में शून्य ब्याज वाले वित्तीय उत्पादों (जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल इन्स्ट्रूमेंट) को प्रतिभूति घोषित किया है। ‘जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल इन्स्ट्रूमेंट’ से आशय ऐसे उत्पाद से है जिसे गैर-लाभकारी संगठन (एनपीओ) ने जारी किया है। शुक्रवार को जारी आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार ये उत्पाद भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों से संचालित होंगे।
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प्रमुख बिंदु:
- सामाजिक शेयर बाजार (एसएसई) भारत में एक नया विचार है। इस प्रकार के एक्सचेंज का उद्देश्य निजी और गैर-लाभकारी क्षेत्र को पूंजी प्राप्त करने का विकल्प उपलब्ध कराना है।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 के बजट भाषण यह प्रस्ताव किया था।
- एसएसई मौजूदा शेयर बाजार में एक अलग खंड होगा।
- अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार ने प्रतिभूति अनुबंध (नियमन) कानून, 1956 को ध्यान में रखकर ‘जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल इन्स्ट्रूमेंट’ को प्रतिभूतियों के रूप में घोषित किया है।
- सेबी के निदेशक मंडल ने सितंबर 2021 में सामाजिक उद्यमों द्वारा पूंजी जुटाने को लेकर एसएसई के लिये विधान को मंजूरी दी थी।
- नियामक ने इस बारे में कार्यकारी समूह और तकनीकी समूह का गठन किया था। उनकी सिफारिशों के आधार पर एसएसई गठित करने के नियम बनाये गये।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:
- वित्त मंत्री, भारत सरकार: निर्मला सीतारमण
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