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गौरांगलाल दास दक्षिण कोरिया में भारत के नए राजदूत नियुक्त

एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम के तहत वरिष्ठ भारतीय विदेश सेवा अधिकारी गौरांगलाल दास को पूर्वी एशिया के एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार दक्षिण कोरिया में भारत का अगला राजदूत नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है और दक्षिण कोरिया व्यापार, प्रौद्योगिकी, रक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिहाज से लगातार महत्वपूर्ण होता जा रहा है। वर्तमान में दास नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय (MEA) की पूर्वी एशिया प्रभाग (East Asia Division) के संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत हैं। चीन के साथ उच्च स्तरीय वार्ताओं को संभालने का उनका अनुभव उन्हें सियोल में नई भूमिका के लिए और अधिक उपयुक्त बनाता है।

गौरांगलाल दास कौन हैं?

  • बैच: 1999, भारतीय विदेश सेवा (IFS)

  • वर्तमान पद: संयुक्त सचिव, पूर्वी एशिया प्रभाग, विदेश मंत्रालय, नई दिल्ली

  • महत्वपूर्ण योगदान: 2020 से चल रहे पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन वार्ताओं में अहम भूमिका निभाई।

  • पूर्वी एशिया प्रभाग के प्रमुख के रूप में उन्होंने भारत की चीन, जापान, कोरिया और आसियान देशों के साथ कूटनीतिक नीति को दिशा दी।

कूटनीतिक महत्व : भारत की “पूर्व की ओर नीति”

यह नियुक्ति भारत की व्यापक एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो-पैसिफिक रणनीति को दर्शाती है। एक अनुभवी अधिकारी को दक्षिण कोरिया भेजकर भारत यह संकेत देता है कि वह—

  • दक्षिण कोरिया के साथ रणनीतिक सहयोग को मजबूत करेगा।

  • अमेरिका-चीन तनावों से प्रभावित क्षेत्र में संतुलित कूटनीतिक रुख बनाए रखेगा।

  • आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण, विशेषकर सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स में, आगे बढ़ाएगा।

दास का चीन-विशेष अनुभव क्षेत्रीय कूटनीति में भारत को अतिरिक्त बढ़त देगा, खासकर उस संदर्भ में जहाँ कोरियाई प्रायद्वीप का तनाव और चीन की आक्रामक नीतियाँ प्रमुख चुनौती बने हुए हैं।

स्थिर तथ्य

  • राजदूत का नाम: गौरांगलाल दास

  • आईएफएस बैच: 1999

  • नई नियुक्ति: भारत के राजदूत, दक्षिण कोरिया (Republic of Korea)

  • वर्तमान पद: संयुक्त सचिव, पूर्वी एशिया प्रभाग, विदेश मंत्रालय

  • मुख्य पूर्व भूमिका: भारत-चीन सीमा वार्ताओं का नेतृत्व

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