गूगल ने अपने डूडल के माध्यम से मलयालम सिनेमा में पहली महिला लीड एक्ट्रेस पीके रोज़ी (PK Rosy) को उनके 120 वीं जयंती पर याद किया है। गूगल आज पीके रोज़ी के सम्मान में अपने डूडल को उनकी याद में समर्पित किया है। रोजी को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था उन्होंने कम उम्र में ही मलयालम सिनेमा में अपने अभिनय का कौशल दिखाना शुरू कर दिया था।
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पीके रोज़ी एक ऐसे युग में अपने अभिनय की मिशाल पेश की जब समाज के कई वर्गों में परफोर्मिंग आर्ट्स को हतोत्साहित किया जाता था। साथ ही आगे आने वाली पीढ़ी के लिए एक सकारात्मक उदहारण प्रस्तुत किया। पीके रोज़ी ने उस समय में फिल्मों में अभिनय शुरू किया था, जब समाज में विशेष रूप से महिलाओं को अभिनय के लिए हतोत्साहित किया जाता था। पीके रोज़ी ने मलयालम फिल्म विगाथाकुमारन (Vigathakumaran) (द लॉस्ट चाइल्ड) से अपने अभिनय की शुरुआत की थी।
कौन थी पीके रोज़ी?
- मलयालम सिनेमा में पहली महिला लीड एक्ट्रेस पीके रोज़ी का जन्म वर्ष 1903 में तिरुवनंतपुरम के राजम्मा (Rajamma) में हुआ था, जो पहले केरल के त्रिवेंद्रम में था।
- पीके रोज़ी दलित ईसाई समुदाय से थी, उनको अपने समय में कई बाधाओं को पार करना पड़ा. साथ ही एक महिला होने के कारण उन्हें कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा फिर भी उन्होंने अपने आप को मलयालम फिल्म जगत में खुद को स्थापित किया।
- उनका जीवन संघर्षो भरा था, कथित तौर पर उन्होंने केशवन पिल्लई से शादी की और अपना जीवन ‘राजम्मल’ (Rajammal) के रूप में बिताया।
- पी.के. रोज़ी की कहानी आज भी कई लोगों को प्रेरित करती है, हालांकि उन्हें अपने जीवनकाल में कभी भी अपने काम के लिए पहचान नहीं मिली। उन्होंने अपनी ज्यादातर जिन्दगी गुमनामी में गुजारी, यहाँ तक की गूगल के पास भी उनकी एक धुंधली सी तस्वीर है।
- पीके रोज़ी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत वर्ष 1928 में साइलेंट मलयाली फिल्म विगाथाकुमारन (द लॉस्ट चाइल्ड) से की थी जिसमें उन्होंने लीड फीमेल एक्ट्रेस का किरदार निभाया था।
- वह मलयालम सिनेमा की पहली एक्ट्रेस और भारतीय सिनेमा की पहली दलित अभिनेत्री थीं। अपनी पहली फिल्म में उन्होंने एक नायर महिला सरोजिनी की भूमिका निभाई थी।