भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलने जा रही है, क्योंकि 23 सितंबर 2025 को 10वाँ आयुर्वेद दिवस गोवा स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) में मनाया जाएगा। इस बार की थीम है – “आयुर्वेद फॉर पीपल एंड प्लेनेट” (जन-जन और धरती के लिए आयुर्वेद)। यह आयोजन इस तथ्य को रेखांकित करता है कि आयुर्वेद न केवल एक प्रभावी स्वास्थ्य समाधान है, बल्कि आधुनिक पर्यावरणीय आवश्यकताओं के अनुरूप एक सतत जीवन शैली भी है।
पहली बार आयुर्वेद दिवस को एक नियत तिथि (23 सितंबर) पर मनाया जाएगा। पहले यह धन्वंतरि जयंती पर मनाया जाता था। यह बदलाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयुर्वेद को निरंतरता और अधिक पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
क्यों चुना गया गोवा?
माउंट आबू में कार्यक्रम की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने गोवा को आयुर्वेद दिवस के लिए “आदर्श वैश्विक मंच” बताया।
-
गोवा की अंतरराष्ट्रीय अपील, वेलनेस टूरिज़्म और सांस्कृतिक विविधता इसे विश्व स्तर पर आयुर्वेद को प्रस्तुत करने के लिए उपयुक्त बनाती है।
-
AIIA गोवा, जो आयुष मंत्रालय के अधीन एक अत्याधुनिक संस्थान है, भारत की विश्वस्तरीय आयुर्वेदिक अवसंरचना और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
थीम 2025: “Ayurveda for People & Planet”
-
People (जन-जन के लिए): आयुर्वेद को एक सुलभ, किफायती और साक्ष्य-आधारित स्वास्थ्य प्रणाली के रूप में बढ़ावा देना।
-
Planet (धरती के लिए): आयुर्वेद की प्रकृति-संगत जीवनशैली, संतुलन, सतत संसाधन उपयोग और पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा को सामने लाना।
यह थीम संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से मेल खाती है और आयुर्वेद को आधुनिक स्वास्थ्य मॉडल के रूप में प्रस्तुत करती है।
वैश्विक भागीदारी
पिछले वर्ष 150 से अधिक देशों की भागीदारी के बाद, आयुष मंत्रालय इस बार और व्यापक वैश्विक कार्यक्रम आयोजित करेगा:
-
भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजन।
-
भारतीय मिशन (Embassies) विदेशों में कार्यशालाएँ, स्वास्थ्य शिविर और अकादमिक चर्चाएँ करेंगे।
-
अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों, वेलनेस संगठनों और प्रवासी भारतीयों के साथ सहयोग।
यह भारत की बढ़ती “हेल्थ डिप्लोमेसी” को दर्शाता है, जहाँ आयुर्वेद केवल सांस्कृतिक धरोहर ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य साझेदारी का साधन भी बन रहा है।
महत्व
10वाँ आयुर्वेद दिवस सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह आयुर्वेद को वैश्विक समाधान के रूप में स्थापित करने का ऐतिहासिक अवसर है।
-
बढ़ती जीवनशैली संबंधी बीमारियाँ
-
जलवायु परिवर्तन
-
सतत स्वास्थ्य मॉडलों की मांग
इन सभी चुनौतियों के बीच, आयुर्वेद का संतुलन, रोकथाम और प्रकृति के साथ सामंजस्य का संदेश विश्वभर में प्रासंगिक हो रहा है।
23 सितंबर को निश्चित तिथि पर मनाना, योग दिवस की तरह आयुर्वेद को एक वैश्विक पहचान और वार्षिक अंतरराष्ट्रीय भागीदारी सुनिश्चित करेगा।
महत्वपूर्ण तथ्य
-
कार्यक्रम: 10वाँ आयुर्वेद दिवस
-
तिथि: 23 सितंबर 2025 (पहली बार निश्चित तिथि पर, पहले धन्वंतरि जयंती पर)
-
थीम: Ayurveda for People & Planet
-
स्थान: अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), गोवा
-
आयोजक: आयुष मंत्रालय, भारत सरकार


कर्नाटक ने ग्रामीण प्रॉपर्टी डिजिटलाइजेश...
तमिलनाडु के पांच और उत्पादों को मिला GI ...
26वां हॉर्नबिल फेस्टिवल नागालैंड में 1 स...

