एक अनोखी और सतत शहरी ढांचे की दिशा में उठाए गए कदम के तहत, गाजियाबाद नगर निगम (GNN) ने अत्याधुनिक जल पुनर्चक्रण सुविधा के लिए फंड जुटाने हेतु ग्रीन म्यूनिसिपल बॉन्ड्स का उपयोग कर एक नई पहल की है। यह भारत के शहरी वित्तीय तंत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को दर्शाता है और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व एवं संसाधन संरक्षण के क्षेत्र में एक आदर्श स्थापित करता है।
ग्रीन म्यूनिसिपल बॉन्ड निर्गमन
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भारत का पहला प्रमाणित ग्रीन म्यूनिसिपल बॉन्ड
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₹150 करोड़ की राशि एकत्र की गई तृतीयक मल जल शोधन संयंत्र (TSTP) के लिए
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भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार का सहयोग प्राप्त
तृतीयक मल जल शोधन संयंत्र (TSTP)
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क्षमता: 40 MLD (मिलियन लीटर प्रतिदिन)
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प्रयुक्त तकनीकें:
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माइक्रोफिल्ट्रेशन
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अल्ट्राफिल्ट्रेशन
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नैनोफिल्ट्रेशन
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रिवर्स ऑस्मोसिस (RO)
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95 किलोमीटर पाइपलाइन के माध्यम से शोधित जल की आपूर्ति
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1,400+ औद्योगिक इकाइयों को आपूर्ति
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9.5 MLD शोधित जल के लिए 800+ फर्मों के साथ अनुबंध
वित्तीय नवाचार – PPP-HAM मॉडल
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सार्वजनिक-निजी भागीदारी – हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (PPP-HAM) के तहत विकसित
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नगर निगम द्वारा 40% वित्तपोषण
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वित्तीय अनुशासन और निवेशकों का विश्वास दर्शाता है
पुरस्कार और मान्यता
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वॉटर डाइजेस्ट वर्ल्ड वॉटर अवार्ड्स 2024–25 में सर्वश्रेष्ठ नगरपालिका शोधित जल पुन: उपयोग पुरस्कार प्राप्त
| सारांश/स्थिर विवरण | विवरण |
| समाचार में क्यों? | गाज़ियाबाद नगर निगम की ग्रीन म्यूनिसिपल बॉन्ड और सतत जल प्रबंधन पहल |
| परियोजना का नाम | तृतीयक मल जल शोधन संयंत्र (TSTP) |
| वित्तपोषण तंत्र | प्रमाणित ग्रीन म्यूनिसिपल बॉन्ड (₹150 करोड़) + PPP-HAM मॉडल |
| क्षमता | 40 MLD, उन्नत मेंब्रेन निस्पंदन तकनीकों के साथ |
| औद्योगिक आपूर्ति | 1,400+ इकाइयों को 95 किमी पाइपलाइन द्वारा; 800+ फर्मों से 9.5 MLD जल के अनुबंध |
| प्राप्त पुरस्कार | सर्वश्रेष्ठ नगरपालिका शोधित जल पुन: उपयोग पुरस्कार (वॉटर डाइजेस्ट 2024–25) |
| प्रयुक्त तकनीक | माइक्रोफिल्ट्रेशन, अल्ट्राफिल्ट्रेशन, नैनोफिल्ट्रेशन, RO |
| सहयोगी संस्थान | भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार |


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