संयुक्त राष्ट्र (United Nation) के सभी सदस्य राज्यों के लिए अपनी सदस्यता खोलते हुए जर्मनी (Germany) 8 जनवरी 2021 को लागू होने वाले संशोधनों के बाद अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन फ्रेमवर्क समझौते (International Solar Alliance Framework Agreement) पर हस्ताक्षर करने वाला 5 वां देश बन गया। भारत (India) में जर्मनी के राजदूत (Ambassador of Germany) वाल्टर जे. लिंडनेर (Walter J. Lindner) ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन फ्रेमवर्क समझौते (International Solar Alliance Framework Agreement) की हस्ताक्षरित प्रतियां विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs), समझौते के डिपॉजिटरी (depositary) के पास जमा कर दीं।
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आईएसए (ISA) की सदस्यता पहले 121 देशों तक सीमित थी, जो आंशिक रूप से या पूरी तरह से उष्णकटिबंधीय के भीतर स्थित थे। इसने जर्मनी (Germany) जैसी प्रमुख सौर ऊर्जा अर्थव्यवस्थाओं (solar energy economies) को उस गठबंधन में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जिसे विदेश नीति उपकरण के रूप में तेजी से देखा जा रहा है। नवंबर 2015 में पेरिस (Paris) में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (United Nations Climate Change Conference ) से पहले भारत अफ्रीका शिखर सम्मेलन (India Africa Summit) और सदस्य देशों की एक बैठक में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा पहल शुरू की गई थी। नवंबर 2016 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance) के ढांचे के समझौते को माराकेश (Marrakech), मोरक्को (Morocco) में हस्ताक्षर के लिए खोला गया था।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेक अवे:
- जर्मनी की राजधानी: बर्लिन (Berlin);
- जर्मनी मुद्रा: यूरो (Euro);
- जर्मनी के राष्ट्रपति: फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमेयर (Frank-Walter Steinmeier)।