केंद्रीय बजट 2025-26, जिसे 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्तुत किया, में लैंगिक बजट (Gender Budgeting) को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया गया है। इस बार कुल केंद्रीय बजट का 8.86% हिस्सा महिलाओं और लड़कियों के लिए आवंटित किया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष 2024-25 के 6.8% की तुलना में अधिक है। महिलाओं के लिए ₹4.49 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है, जो पिछले वर्ष के ₹3.27 लाख करोड़ की तुलना में 37.25% की वृद्धि को दर्शाता है।
लैंगिक बजट 2025-26 की मुख्य विशेषताएँ
- कुल लैंगिक बजट आवंटन – ₹4.49 लाख करोड़ (37.25% वृद्धि)
- केंद्रीय बजट में लैंगिक बजट का हिस्सा – 8.86% (FY 2024-25 में 6.8%)
- रिपोर्टिंग मंत्रालयों/विभागों की संख्या – 49 (FY 2024-25 में 38)
- लैंगिक बजट रिपोर्ट करने वाले केंद्रशासित प्रदेश (UTs) – 5
पहली बार GBS (Gender Budget Statement) में शामिल किए गए मंत्रालय/विभाग
➡ पशुपालन और डेयरी विभाग
➡ जैव प्रौद्योगिकी विभाग
➡ खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग
➡ वित्तीय सेवा विभाग
➡ मत्स्य पालन विभाग
➡ भूमि संसाधन विभाग
➡ औषधि विभाग
➡ जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग
➡ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
➡ पंचायती राज मंत्रालय
➡ पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
➡ रेल मंत्रालय
लैंगिक बजट आवंटन का वर्गीकरण
- भाग A (100% महिलाओं के लिए विशेष योजनाएँ) – ₹1,05,535.40 करोड़ (23.50%)
- भाग B (30-99% महिलाओं पर केंद्रित योजनाएँ) – ₹3,26,672.00 करोड़ (72.75%)
- भाग C (30% से कम महिलाओं के लिए आवंटन) – ₹16,821.28 करोड़ (3.75%)
लैंगिक बजट में रुझान (Trends in GBS)
- FY 2005-06 से GBS में लगातार वृद्धि हो रही है।
- FY 2019-20 में यह 5% था, जो अब FY 2025-26 में 9% तक पहुँच गया है।
आवंटन रिपोर्टिंग में चुनौतियाँ
- भाग A (100% महिलाओं के लिए योजनाएँ) में वृद्धि की गति धीमी – जबकि लैंगिक बजट का कुल आकार बढ़ रहा है, महिलाओं पर केंद्रित विशिष्ट योजनाओं का हिस्सा स्थिर बना हुआ है।
- जल जीवन मिशन (JJM) का महिलाओं के लिए आवंटन घटकर 49% से 31% हुआ – जबकि यह मिशन महिलाओं के लिए जल संग्रहण में समय बचाने का एक प्रमुख साधन रहा है, इसमें कमी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को लेकर चिंता पैदा करती है।
कार्यान्वयन की चुनौतियाँ
- प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण (PMAY-G) – रिपोर्ट में महिलाओं की स्वामित्व दर को शामिल किया गया है (भाग A), लेकिन केवल 23% घर ही महिलाओं को आवंटित किए गए, जो बजटीय आवंटन और वास्तविक जमीनी प्रभाव के बीच अंतर को दर्शाता है।
- मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 – इसमें भाग A और भाग B दोनों शामिल हैं, जिससे आवंटन संरचना को लेकर अस्पष्टता बनी हुई है।
सुधार के संभावित क्षेत्र
- लैंगिक बजट की रिपोर्टिंग पद्धति को स्पष्ट किया जाए – वर्तमान में बजट आवंटन का आधार अस्पष्ट है, जिससे जवाबदेही कमजोर हो सकती है।
- लैंगिक ऑडिट को लागू किया जाए – विभिन्न मंत्रालयों में यह सुनिश्चित करने के लिए कि आवंटन से महिलाओं को वास्तविक लाभ मिले।
- भाग C को और अधिक पारदर्शी बनाया जाए – ताकि इसका सही प्रभाव समझा जा सके और सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।
उच्चतम लिंग बजट आवंटन वाले शीर्ष 10 मंत्रालय/विभाग
Ministry/Department | % Allocation in Gender Budget |
Ministry of Women & Child Development | 81.79% |
Department of Rural Development | 65.76% |
Department of Food & Public Distribution | 50.92% |
Department of Health & Family Welfare | 41.10% |
Ministry of New & Renewable Energy | 40.89% |
Department of Social Justice & Empowerment | 39.01% |
Department of Higher Education | 33.94% |
Department of School Education & Literacy | 33.67% |
Ministry of Home Affairs | 33.47% |
Department of Drinking Water & Sanitation | 31.50% |