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भारतीय-अमेरिकी संगीतकार चंद्रिका टंडन ने जीता ग्रैमी

भारतीय-अमेरिकी संगीतकार और व्यवसायिक नेता चंद्रिका टंडन ने अपने एल्बम ‘त्रिवेणी’ के लिए ग्रैमी अवार्ड 2025 जीता। उन्होंने यह पुरस्कार ‘बेस्ट न्यू एज, एंबिएंट, या चैंट एल्बम’ श्रेणी में दक्षिण अफ्रीकी बांसुरीवादक वाउटर केलरमैन और जापानी-अमेरिकी सेलो वादक एरु मात्सुमोटो के साथ सहयोग में जीता। यह प्रतिष्ठित सम्मान 2 फरवरी 2025 को 67वें ग्रैमी अवार्ड्स में क्रिप्टो.कॉम एरिना, लॉस एंजेलिस में प्रदान किया गया।

‘त्रिवेणी’ को क्या बनाता है अद्वितीय?

‘त्रिवेणी’ एक अंतर-सांस्कृतिक (cross-cultural) संगीत परियोजना है, जो विभिन्न संगीत शैलियों को जोड़ती है। इसमें चंद्रिका टंडन की भारतीय शास्त्रीय और वैदिक मंत्र परंपराएँ, केलरमैन की दक्षिण अफ्रीकी बांसुरी ध्वनि, और मात्सुमोटो के जापानी-अमेरिकी सेलो संगीत का अनूठा संगम देखने को मिलता है।

प्रमुख विशेषताएँ:

  • प्राचीन संस्कृत मंत्रों और आधुनिक संगीत का मिश्रण।
  • ध्यान और आध्यात्मिक शांति को बढ़ावा देने के लिए संगीतमय रचनाएँ।
  • संस्कृत, बांसुरी, और सेलो के संयोजन से बना अद्वितीय ध्वनि संसार।

टंडन ने एल्बम के सार को एक “तीन कलात्मक आत्माओं का संगम, जो संगीत को उपचार के लिए एक ऊँचे उद्देश्य से जोड़ता है” के रूप में वर्णित किया। यह अद्वितीय संगीतमय रचना न्यू एज संगीत की श्रेणी में दुनिया भर में सराही जा रही है।

संगीत से परे कौन हैं चंद्रिका टंडन?

चंद्रिका टंडन सिर्फ एक संगीतकार ही नहीं, बल्कि एक सफल व्यवसायिक नेता और समाजसेवी भी हैं।

व्यावसायिक जगत में योगदान:

  • पहली भारतीय-अमेरिकी महिला, जो McKinsey & Company में पार्टनर बनीं।
  • Tandon Capital Associates की संस्थापक, जो एक वित्तीय परामर्श फर्म है।

शिक्षा और समाज सेवा में योगदान:

  • 2015 में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी (NYU) को 100 मिलियन डॉलर का दान, जिसके परिणामस्वरूप इसके इंजीनियरिंग स्कूल का नाम बदलकर “NYU टंडन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग” रखा गया।

उनकी व्यवसाय, शिक्षा और संगीत में अद्भुत उपलब्धियाँ उनके ग्रैमी जीत को और भी खास बनाती हैं।

क्या चंद्रिका टंडन ने पहले भी ग्रैमी के लिए नामांकन प्राप्त किया है?

  • हाँ! चंद्रिका टंडन को 2011 में उनके एल्बम ‘सोल कॉल’ के लिए ग्रैमी नामांकन मिला था।
  • वह एल्बम “कॉन्टेम्पररी वर्ल्ड म्यूजिक” श्रेणी में नामांकित हुआ था, लेकिन तब वे जीत नहीं पाईं।
  • ‘त्रिवेणी’ के साथ उन्होंने 2025 में पहला ग्रैमी पुरस्कार जीता, जो उनकी संगीत यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

ग्रैमी अवार्ड्स में भारतीय परंपरा का प्रतिनिधित्व

  • चंद्रिका टंडन ने अपने भारतीय मूल को गर्व से प्रस्तुत किया।
  • उन्होंने पारंपरिक रेशमी सलवार सूट पहना और भव्य स्टेटमेंट नेकलेस के साथ भारतीय संस्कृति की झलक दी।
  • उन्होंने अपने प्रशंसकों का आभार व्यक्त किया और “संगीत के माध्यम से शांति, एकता और उपचार” के संदेश को बढ़ावा दिया।
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