अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस ने 22 जून 2023 को बताया कि उसने विमान विनिर्माता हिंदुस्तान एयरोनटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ मिलकर भारतीय वायु सेना के लड़ाकू जेट विमानों के लिए इंजन बनाने के समझौता पर हस्ताक्षर किए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिवसीय अमेरिका के दौरे पर हैं। बता दें, रूस, ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस ये दुनिया के वो देश हैं जिनके पास लड़ाकू विमानों में खास तरह के इंजन को बनाने की महारत हासिल है।
एयरोस्पेस के अनुसार, अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच सौदे की घोषणा की गई। इस समझौते के बाद जेई एयरोस्पेस और एचएएल एक साथ मिलकर भारतीय वायु सेना के लिए जेट इंजन बनाएगी। इस समझौते से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और मजबूत होने वाला है।
एमके2 कार्यक्रम का हिस्सा
बता दें कि यह समझौता भारतीय वायु सेना के हल्के लड़ाकू विमान एमके2 कार्यक्रम का हिस्सा है। एमओयू में आगे जानकारी दी गई कि अब जेई के एफ 414 इंजन के निर्माण का लाइसेंस भारत को दिया गया। बता दें कि एफ 414 इंजन का इस्तेमाल करने का लाइसेंस अभी तक सिर्फ 8 देशों के पास है। अब भारत भी इस लिस्ट में जुड़ चुका है।
GE-F414 इंजन
GE-F414 इंजन, यह मिलिट्री एयरक्राफ्ट इंजन का हिस्सा है। अमेरिका में इसका 30 सालों से इस्तेमाल हो रहा है। जनरल इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक कंपनी अब तक 1600 से अधिक इंजन को डिलीवर कर चुकी है। GE-F414 इंजन इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें फुल अथाॉरिटी डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल FADEC सिस्टम लगा हुआ है। साथ ही लेटेस्ट एयरक्राफ्ट इग्नीशन सिस्टम भी लगा है। यह इंजन को काफी पावरफुल बनाता है। दूसरे इंजन के मुकाबले अधिक चलता है।
भारत के स्वदेशी लड़ाकू कार्यक्रमों में GE की भागीदारी
1986 में, GE ने F404 इंजन के साथ भारत के हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के विकास का समर्थन करने के लिए एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी और HAL के साथ काम करना शुरू किया। इसके बाद, GE एयरोस्पेस के F404 और F414 LCA Mk1 और LCA Mk2 कार्यक्रमों के विकास और उत्पादन कार्यक्रमों का हिस्सा रहे हैं। कुल मिलाकर, 75 F404 इंजन वितरित किए जा चुके हैं और अन्य 99 LCA Mk1A के लिए ऑर्डर पर हैं।
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