क्षेत्रीय एकीकरण को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) ने एक ‘वन-स्टॉप ट्रैवल सिस्टम’ को मंज़ूरी दे दी है, जो सभी छह सदस्य देशों के बीच यात्रा को सरल, तेज़ और अधिक समन्वित बनाएगा। इस पहल का उद्देश्य अनावश्यक सीमा प्रक्रियाओं को समाप्त करना, संपर्क बढ़ाना और खाड़ी देशों के बीच राजनीतिक व आर्थिक सहयोग को गहरा करना है।
वन-स्टॉप ट्रैवल सिस्टम क्या है?
नया ‘वन-स्टॉप’ सिस्टम GCC सदस्य देशों के बीच यात्रा प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए बनाया गया है। इसके तहत यात्रियों को हर सीमा पर दोबारा इमिग्रेशन और सुरक्षा जांच से नहीं गुजरना पड़ेगा—एक ही स्थान पर क्लीयरेंस पूरी हो जाएगी।
इस प्रणाली से मिलने वाले लाभ
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यात्रियों की सीमा पार आवाजाही तेज़ होगी
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क्षेत्रीय पर्यटन और बिज़नेस ट्रैवल को बढ़ावा मिलेगा
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खाड़ी क्षेत्र में एक अधिक इंटीग्रेटेड इकोनॉमिक ज़ोन विकसित होगा
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सदस्य देशों के इमिग्रेशन व कस्टम विभागों के बीच सहयोग बढ़ेगा
यह पहल GCC रेलवे नेटवर्क और एकीकृत कस्टम सिस्टम जैसे अन्य चल रहे क्षेत्रीय एकीकरण परियोजनाओं को भी पूरक करती है।
गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC): एक परिचय
स्थापना: 1981
मुख्यालय: रियाद, सऊदी अरब
सदस्य देश
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बहरीन
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कुवैत
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ओमान
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क़तर
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सऊदी अरब
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संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
GCC का आर्थिक महत्व
GCC वैश्विक ऊर्जा और व्यापार में एक प्रमुख शक्ति है:
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तेल भंडार: विश्व के लगभग 30% प्रमाणित तेल भंडार
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प्राकृतिक गैस: वैश्विक गैस भंडार का करीब 20%
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रणनीतिक स्थिति: प्रमुख समुद्री मार्गों और व्यापारिक रास्तों के नियंत्रण वाली क्षेत्रीय शक्ति
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व्यापार लक्ष्य: कस्टम यूनियन, कॉमन मार्केट और संभावित मौद्रिक संघ जैसी पहलें जारी
वन-स्टॉप ट्रैवल सिस्टम GCC की दीर्घकालिक एकीकृत और प्रतिस्पर्धी क्षेत्रीय ब्लॉक बनने की रणनीति का हिस्सा है।
यात्रा प्रणाली का महत्व
यह प्रणाली:
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GCC नागरिकों, प्रवासियों और पर्यटकों की आवाजाही आसान करेगी
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बिज़नेस ट्रैवल को बेहतर बनाकर निवेश बढ़ाएगी
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यात्रा, पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में नौकरियों के नए अवसर खोलेगी
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विशेष रूप से सऊदी अरब और पड़ोसी देशों के तीर्थ यात्रियों के लिए यात्रा को सुगम बनाएगी
यह भविष्य में एकीकृत GCC वीज़ा प्रणाली (यूरोप के शेंगेन मॉडल जैसी) का आधार भी बन सकती है।
महत्वपूर्ण स्थैटिक तथ्य
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| पहल का नाम | वन-स्टॉप ट्रैवल सिस्टम |
| लागू करने वाला संगठन | गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) |
| GCC स्थापना वर्ष | 1981 |
| मुख्यालय | रियाद, सऊदी अरब |
| GCC सदस्य देश | बहरीन, कुवैत, ओमान, क़तर, सऊदी अरब, UAE |
| वैश्विक तेल भंडार में हिस्सेदारी | ~30% |
| वैश्विक गैस भंडार में हिस्सेदारी | ~20% |


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