
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हिमालयी याक (Himalayan Yak) को ‘Food Animal’ के रूप में मंजूरी दे दी है। FSSAI द्वारी इसकी मंजूरी मिलने के बाद अत्यधिक ऊंचाई पर रहने वाले जानवरों की आबादी में तेजी से हो रही गिरावट को रोकने में मदद मिलेगी। अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र (NRC) याक के निदेशक डा मिहिर सरकार ने कहा कि देश में याक की आबादी पिछले कुछ वर्षों में खतरनाक दर से घटी है।
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मालूम हो कि हिमालयी याक का प्रयोग पारंपरिक रूप से दुध और मांस के लिए किया जाता है। राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र याक ने खाद्य पशु के रूप में मानने के लिए साल 2021 में ही FSSAI को एक प्रस्ताव दिया था। हालांकि FSSAI ने पशुपालन और डेयरी विभाग की सिफारिशों के बाद इसकी आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी है। मालूम हो कि Food Animals वह पशु होते हैं, जिन्हें मनुष्यों द्वारा खाद्य उत्पादन या सेवन के लिए पाला और उपयोग किया जाता है।
ये पशु हिमालयी इलाकों के उच्च स्थानों पर रहने वाले लोगों के लिए बहुआयामी सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक भूमिका निभाते हैं। वहां के लोग कृषि गतिविधियों में शामिल करने के साथ-साथ याक को अपनी पोषण और आजीविका सुरक्षा अर्जित करने के लिए भी पालते हैं। डाक्टर सरकार ने कहा कि खाद्य उत्पादक पशु के रूप में याक की FSSAI की मान्यता से किसानों को पशु पालन के लिए आर्थिक रूप से लाभान्वित होने में भी मदद मिलेगी।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- FSSAI की स्थापना: 5 सितंबर 2008;
- FSSAI मुख्यालय: नई दिल्ली;
- FSSAI अध्यक्ष: रीता तेवतिया।



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