एक कदम जो बॉण्ड की मांग को अस्थायी रूप से नरम कर सकता है, भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकार के साथ परामर्श करके केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों (G-Sec) में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की निवेश सीमा बकाया स्टॉक के 5% से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2019 में 5.5 और वित्त वर्ष 2020 में 6% कर दी है.
यह वृद्धि 1, 91,300 करोड़ रुपये के जी-सेक में एफआईआई निवेश की 99.31% हिस्सेदारी के उपयोग के मुताबिक बढ़ी है. राज्य विकास ऋण (SDLs) में एफपीआई निवेश को प्रतिभूतियों के बकाया स्टॉक के 2% पर अपरिवर्तित रखा गया है.
स्रोत-डीडी न्यूज़