रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तेलंगाना के दामागुंडम वन क्षेत्र में नौसेना के बेहद निम्न आवृत्ति (वीएलएफ) वाले रडार स्टेशन की आधारशिला रखी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत सबको जोड़ने में विश्वास करता है, तोड़ने में नहीं। इसलिए हम अपने मित्र पड़ोसी देशों को साथ लेकर चलने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं।
ह सुविधा 2,900 एकड़ क्षेत्र में फैली होगी और इसकी लागत 3,200 करोड़ रुपये होगी। इसका उद्देश्य नौसेना की संचार क्षमताओं को मजबूत करना है, जिससे जटिल समुद्री वातावरण में प्रभावी कमांड और नियंत्रण के लिए सुरक्षित और विश्वसनीय लंबी दूरी के संचार की सुविधा हो सके।
रणनीतिक महत्व
राजनाथ सिंह ने जोर दिया कि यह VLF स्टेशन एक रणनीतिक संपत्ति होगी, जो नौसैनिक जहाजों, पनडुब्बियों और कमांड केंद्रों के बीच रीयल-टाइम संचार के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “रीयल-टाइम संचार के बिना, हमारे पास पर्याप्त उपकरण या जनशक्ति होने के बावजूद हम बढ़त हासिल नहीं कर सकते।” यह सुविधा भारतीय नौसेना की संचालन तत्परता को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन की गई है, खासकर भारतीय महासागर क्षेत्र (IOR) में बढ़ती वैश्विक रुचि के बीच।
आर्थिक और पर्यावरणीय विचार
VLF स्टेशन के निर्माण से स्थानीय समुदायों के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है, जिसमें कुशल और अकुशल दोनों प्रकार की श्रम शक्ति की आवश्यकता होगी। सिंह ने यह आश्वासन दिया कि पर्यावरणीय चिंताओं का ध्यान रखा जा रहा है और सतत विकास प्रथाओं का पालन किया जाएगा।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर राजनाथ सिंह ने भारत के रक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को श्रद्धांजलि दी और आने वाली पीढ़ियों के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को प्रेरित करने में उनकी भूमिका को स्वीकार किया।
भविष्य की संभावनाएँ
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा कि नया VLF स्टेशन INS कत्ताबोम्मन में पहले से मौजूद सुविधा के पूरक के रूप में कार्य करेगा, जिससे नौसेना अभियानों के लिए एक मजबूत संचार नेटवर्क सुनिश्चित होगा। यह विकास भारत की समुद्री सुरक्षा और संचालन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।