फिच रेटिंग्स ने 2021-22 (FY22) में भारत के लिए अपने जीडीपी विकास अनुमान को संशोधित कर 10% कर दिया है. इससे पहले इसने 12.8% पर समान अनुमान लगाया था. इस कटौती का कारण COVID-19 की दूसरी लहर के बाद धीमी रिकवरी है.
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फिच का मानना है कि तेजी से टीकाकरण व्यापार और उपभोक्ता विश्वास में एक स्थायी पुनरुद्धार का समर्थन कर सकता है; हालांकि, इसके बिना, आर्थिक सुधार आगे की लहरों और लॉकडाउन की चपेट में रहेगा.