भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने 29 अगस्त 2024 को गोवा में अपना पहला स्वदेशी रूप से विकसित प्रदूषण नियंत्रण पोत ‘समुद्र प्रताप’ लॉन्च किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करने वाले रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने उद्योग भागीदारों को रक्षा उत्पादन में भारत को पूरी तरह से आत्मनिर्भर और शुद्ध निर्यातक बनाने में योगदान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) द्वारा निर्मित इस पोत का उद्देश्य भारत के तटीय क्षेत्रों में तेल रिसाव को रोकना है और यह स्वदेशी जहाज निर्माण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
पोत की विशिष्टताएँ और निर्माण
श्रीमती नीता सेठ द्वारा नामित ‘समुद्र प्रताप’ का निर्माण जीएसएल द्वारा आईसीजी की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया गया था। पोत की लंबाई 114.5 मीटर, चौड़ाई 16.5 मीटर है और इसका विस्थापन 4170 टन है। जीएसएल, एक प्रमुख भारतीय शिपयार्ड ने 583 करोड़ रुपये की लागत से आईसीजी के लिए दो ऐसे पोत बनाने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। यह पहल पहली बार है जब इन पोतों को स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है।
महत्व और क्षमताएँ
‘समुद्र प्रताप’ का लॉन्च भारत की बढ़ती जहाज निर्माण क्षमताओं और आत्मनिर्भरता की दिशा में इसकी प्रगति का प्रमाण माना जाता है। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह जहाज 72% आत्मनिर्भर है और तटीय प्रदूषण से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए उन्नत तकनीक से लैस है। ₹2,500 करोड़ मूल्य के इस जहाज से भारत के समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा और तटीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।
उपस्थित लोग और समारोह का विवरण
इस समारोह में जीएसएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री ब्रजेश कुमार उपाध्याय के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय, आईसीजी, भारतीय नौसेना और जीएसएल के अधिकारी भी शामिल हुए। यह लॉन्च जीएसएल के उन भारतीय शिपयार्ड के विशिष्ट समूह में शामिल होने को रेखांकित करता है जो अत्याधुनिक प्रदूषण नियंत्रण पोतों का उत्पादन करने में सक्षम हैं।