क्षेत्रीय सांस्कृतिक सहयोग के एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में, पहला बिम्सटेक पारंपरिक संगीत महोत्सव आज नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित किया जा रहा है। ‘सप्तसुर: सात राष्ट्र, एक राग’ शीर्षक वाले इस विशेष आयोजन में बिम्सटेक के सात सदस्य देशों — भारत, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड — के कलाकार भाग ले रहे हैं। यह महोत्सव संगीत के माध्यम से सांस्कृतिक सामंजस्य, साझी विरासत और आपसी सहयोग को प्रोत्साहित करने का प्रतीक है, जहां विभिन्न राष्ट्रों की पारंपरिक धुनें एक साथ गूंजेंगी।
सात देशों की सांस्कृतिक एकता का उत्सव
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) द्वारा आयोजित यह महोत्सव बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) सदस्य देशों की समृद्ध और विविध संगीत परंपराओं को प्रस्तुत करेगा। यह कार्यक्रम बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में “विविधता में एकता” के भाव को दर्शाने वाला एक अनूठा सांस्कृतिक अनुभव साबित होगा।
सांस्कृतिक संबंधों को मज़बूत करने में भारत की भूमिका
इस महोत्सव की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अप्रैल 2025 में थाईलैंड में आयोजित बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में की गई घोषणा से हुई थी, जिसमें उन्होंने क्षेत्रीय सांस्कृतिक संबंधों को संगीत के माध्यम से सशक्त करने की भारत की प्रतिबद्धता जताई थी। इस पहले संस्करण की मेज़बानी कर भारत ने क्षेत्रीय सहयोग और लोगों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा देने हेतु संस्कृति को एक सेतु के रूप में अपनाने में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है।
उद्घाटन और सहभागिता
इस महोत्सव का उद्घाटन आज शाम विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम में प्रवेश निःशुल्क है और सभी के लिए खुला है; बैठने की व्यवस्था पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर की गई है। अतिथियों से अनुरोध है कि वे सांस्कृतिक आदान-प्रदान की इस विलक्षण संध्या के साक्षी बनने के लिए शाम 6:00 बजे तक अपनी सीट ग्रहण कर लें।
बिम्सटेक के लिए एक सांस्कृतिक मील का पत्थर
बिम्सटेक पारंपरिक संगीत महोत्सव का यह प्रथम संस्करण संगठन के सांस्कृतिक विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह ‘सॉफ्ट पावर’ और सांस्कृतिक कूटनीति की भूमिका को रेखांकित करता है, जो बिम्सटेक सदस्य देशों के बीच द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों को सशक्त करने में सहायक है।


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