वित्त मंत्रालय ने भारत का राजपत्र G.S.R. 95 (ई) दिनांक 7 फरवरी, 2020 में ‘एक रुपये के करेंसी नोटों का मुद्रण नियम, 2020’ को अधिसूचित किया हैं। “एक रुपये के करेंसी नोट को परिचालन के लिए भारत सरकार के प्राधिकरण के अंतर्गत जारी करने के लिए नोट मुद्रण प्रेसों में मुद्रित किए जाएंगे”।
नए एक रुपये के नोट की आकृति और आकार
एक रुपये का करेंसी नोट आयताकार 9.7 x 6.3 सेंटीमीटर का होगा, जिसका कागज 100 प्रतिशत (कपास) चीर सामग्री से बना होगा। नोट 110 माइक्रोन मोटा होगा, जिसका वजन 90 जीएसएम (ग्राम प्रति वर्ग मीटर) होगा। इसमें मल्टी टोनल वॉटरमार्क भी होंगे, जिसमे (i) ‘सत्यमेव जयते’ शब्दों के बिना खाली स्थान पर अशोक स्तम्भ, (ii) केंद्र में न दिखने वाली ‘1’ संख्या, (iii) न दिखने वाला शब्द ‘भारत’ दाहिने तरफ लम्बवत लिखा होगा।
एक रुपये के नए नोट का डिजाइन
एक रुपये के करेंसी नोट के पीछे की ओर “Government of India” वर्ड के ऊपर “भारत सरकार” शब्द लिखा होगा, जिस पर वित्त मंत्रालय के सचिव श्री अतनु चक्रवर्ती के द्विभाषी हस्ताक्षर और नए ‘सिक्के’ की प्रतिकृति के साथ 2020 का प्रतीक ‘₹’ और नंबरिंग पैनल में ‘सत्यमेव जयते’ और कैपिटल इनसेट लेटर ‘L’ के साथ जारी किया गया।
आसपास के डिजाइन में तेल अन्वेषण प्लेटफार्म “सागर सम्राट” का चित्र है। रिग ने 1974 में पहले अपतटीय को अच्छी तरह से ड्रिल किया और तब से तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) के साथ सेवा में है।
एक रुपये के नए नोट का रंग
एक रुपये के करेंसी नोट का आगे वाला भाग मुख्य रूप से गुलाबी हरे रंग का होगा और दूसरी तरह अन्य रंगों का तालमेल होगा।
भारत में करेंसी नोट का इतिहास
भारत में करेंसी नोट की शुरुआत सन 1861 की गई थी और अंग्रेजों द्वारा एक रुपये का नोट 30 नवंबर 1917 को जारी किया गया था। हालांकि नोट की छपाई 1994 में बंद कर दी गई थी, लेकिन 22 साल के अंतराल के बाद 2015 में इसे फिर से शुरू किया गया।
उपरोक्त समाचार से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- केंद्रीय वित्त मंत्री और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री: निर्मला सीतारमण