भारतीय फ़ुटबॉल के लिए एक ऐतिहासिक क्षण में, अखिल भारतीय फ़ुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) और फीफा ने हैदराबाद, तेलंगाना में लड़कियों के लिए देश की पहली फीफा टैलेंट अकादमी शुरू करने के लिए हाथ मिलाया है। इस पहल का उद्देश्य भारत में महिला फ़ुटबॉल के भविष्य को बदलना है, और उभरती प्रतिभाओं को विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचा, प्रशिक्षण और समग्र विकास के अवसर प्रदान करना है।
महत्वपूर्ण समझौता
- तेलंगाना स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव, हैदराबाद में इस अकादमी के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस कार्यक्रम में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और एआईएफएफ (AIFF) के अध्यक्ष कल्याण चौबे उपस्थित रहे।
- यह अकादमी FIFA की टैलेंट डेवलपमेंट स्कीम (TDS) का हिस्सा है — जो विश्व स्तर पर युवा फुटबॉल प्रतिभाओं को तराशने के लिए शुरू की गई पहल है।
- हैदराबाद के गाचीबौली स्टेडियम परिसर को अकादमी का आधार बनाया गया है, जहाँ हर वर्ष 30 लड़कों और 30 लड़कियों को आवासीय सुविधा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, चिकित्सा देखभाल, पोषण एवं मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
महिला फुटबॉल के लिए एक बदलावकारी पहल
- यह अकादमी खासकर लड़कियों के लिए फुटबॉल में एक क्रांतिकारी कदम है।
- यह न केवल भारत की पहली फीफा प्रतिभा अकादमी है, बल्कि फीफा की TDS योजना के तहत दुनिया भर में भी ऐसी गिनी-चुनी अकादमियों में से एक है।
- अब तेलंगाना और अन्य राज्यों की प्रतिभाशाली लड़कियों को विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे, शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुँच का अवसर मिलेगा।
- इससे युवा खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धात्मक फुटबॉल खेलने और भारत का प्रतिनिधित्व करने की दिशा में प्रेरणा मिलेगी।
AIFF का विजन: FIFA U-17 विश्व कप तक की राह
यह अकादमी भारत के FIFA अंडर-17 पुरुषों और महिलाओं के विश्व कप में क्वालिफाई करने के सपने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत में लड़कियों के लिए पहली और लड़कों के लिए दूसरी फीफा अकादमी की शुरुआत समावेशी फुटबॉल विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक मोड़ है। यह पहल देशभर के युवाओं, विशेषकर लड़कियों, की प्रतिभा को पहचानने, तराशने और सशक्त करने की हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
वैश्विक स्तर पर पहल का महत्व
हैदराबाद की यह अकादमी फीफा की TDS योजना के तहत वैश्विक मान्यता प्राप्त कुछ चुनिंदा अकादमियों में शामिल है।
इसकी सफलता से भविष्य में भारत में और भी ऐसी अकादमियों के द्वार खुल सकते हैं, जिससे भारत वैश्विक फुटबॉल परिदृश्य में एक मजबूत दावेदार बन सकेगा।
समग्र विकास की ओर कदम
यह अकादमी केवल फुटबॉल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं होगी, बल्कि खेल विज्ञान, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य और औपचारिक शिक्षा के समन्वय के साथ एक 360-डिग्री प्रशिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करेगी — जो भारत के युवा फुटबॉलरों को विश्वस्तरीय एथलीट में बदलने का मार्ग प्रशस्त करेगी।


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