सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (National Pension System -NPS) के तहत पेंशन फंड प्रबंधन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दी है। यह कदम इस क्षेत्र में अनुभवी विदेशी भागीदारों के लिए दरवाजे खोल रहा है और फ्लेज्लिंग सेगमेंट (fledgling segment) में अधिक प्रतिस्पर्धा की सुविधा प्रदान कर रहा है। पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (Pension Fund Regulatory &Development Authority -PFRDA) अधिनियम बीमा क्षेत्र में एफडीआई (FDI) सीमा को जोड़ता है।
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जनवरी 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) शुरू की गई थी और बाद में 2009 में इसे सभी के लिए खोल दिया गया था। NPS में दो तरह के खाते हैं- टियर 1 और टियर 2। अगर कोई व्यक्ति टियर 1 खाते में निवेश करता है तो उसे 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त कर छूट मिलती है। राष्ट्रीय पेंशन योजना को पीएफआरडीए (PFRDA) द्वारा विनियमित किया जा रहा है।
एनपीएस में 7 पेंशन फंड:
- एचडीएफसी पेंशन प्रबंधन
- आईसीआईसीआई प्रू पेंशन फंड प्रबंधन
- कोटक महिंद्रा पेंशन फंड प्रबंधन
- एलआईसी पेंशन फंड
- एसबीआई पेंशन फंड
- यूटीआई (UTI) सेवानिवृत्ति समाधान
- आदित्य बिड़ला सन लाइफ पेंशन प्रबंधन
पेंशन फंड में FDI का लाभ:
- कई कंपनियों को अपने विस्तार के लिए पूंजी की जरूरत होती है और एफडीआई (FDI) की सीमा बढ़ने से उन्हें ज्यादा पैसा मिलेगा।
- मौजूदा फंड होल्डर भी अपनी अतिरिक्त हिस्सेदारी बेच सकेंगे।
- विदेशी कंपनियां नए उत्पाद, तकनीक मुहैया करा सकेंगी।
- पेंशन की पहुंच बढ़ाने में मदद करें।.