यूरोप इन दिनों पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। महीनों से यूरोप की अर्थव्यवस्था संघर्ष कर रही है। सबसे बड़ी यूरोपीय अर्थव्यवस्था जर्मनी तो आधिकारिक तौर पर मंदी का शिकार बन चुकी है। अब वैश्विक आर्थिक मंदी का खतरा पहले से कहीं ज्यादा करीब आ चुका है। ताजे आर्थिक आंकड़े इस बात का संकेत कर रहे हैं।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप में इन दिनों डिमांड की हालत बहुत खराब हो गई है। इस महीने यूरोप में कारोबारी गतिविधियों में भारी गिरावट आई है। इसका असर एसएंडपी ग्लोबल के द्वारा तैयार किए जाने वाले पीएमआई आंकड़ों पर पड़ा है। एसएंडपी ग्लोबल के द्वारा तैयार एचसीओबी यूरो जोन कंपोजिट पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स अक्टूबर में कम होकर 46.5 पर आ गया।
3 साल में सबसे कम PMI
एसएंडपी के द्वारा तैयार किए जाने वाले कंपोजिट पीएमआई को इकोनॉमी की ओवरऑल सेहत मापने का पैमाना माना जाता है। इससे एक महीने पहले सितंबर में यूरोप का कंपोजिट पीएमआई 47.2 रहा था। अक्टूबर महीने का 46.5 पीएमआई नवंबर 2020 के बाद का सबसे कम है। मतलब यूरोप में आर्थिक गतिविधियां करीब 3 साल में सबसे निचले स्तर पर है।
दोनों प्रमुख सेक्टरों का हाल
यूरोप में अभी मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों सेक्टर में काफी नरमी देखी जा रही है। सर्विस सेक्टर का पीएमआई सितंबर के 48.7 से कम होकर अक्टूबर में 47.8 पर आ गया है। यह 32 महीने का सबसे निचला स्तर है। वहीं मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई अक्टूबर में 43 पर रहा है। मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई लगातार 16वें महीने निगेटिव जोन में है।
50 से कम PMI का मतलब
50 से ज्यादा पीएमआई ग्रोथ का संकेत है। पीएमआई का 50 से कम होने का मतलब होता है कि अर्थव्यवस्था संकुचित हो रही है। अभी यूरो जोन में 20 देश हिस्सा हैं। पिछली तिमाही में यूरो जोन की अर्थव्यवस्था लगभग स्थिर रही थी। उसके बाद इस तिमाही में भी यूरोप की अर्थव्यवस्था स्थिर रहने की आशंका है।
खराब हो रही स्थिति
नवंबर 2020 के समय जब यूरोप के कंपोजिट पीएमआई में इस तरह की गिरावट आई थी, उस समय दुनिया कोविड-19 महामारी की चपेट में थी। ऐसे में अगर महामारी को छोड़ दें तो कंपोजिट पीएमआई के लिए यह मार्च 2013 के बाद का सबसे खराब स्तर है।