असम के पर्यावरण कार्यकर्ता और ‘फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से लोकप्रिय जादव पायेंग को 128 वें राष्ट्रमंडल पॉइंट्स ऑफ़ लाइट अवार्ड के लिए चुना गया। यूनाइटेड किंगडम की महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा पायेंग को पर्यावरण संरक्षण के लिए उनके द्वारा की जा रही है असाधारण स्वैच्छिक सेवा के लिए इस सम्मान के लिए चुना गया है।
कोलकाता में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त निक लो 11 मार्च को पायेंग को सम्मानित करेंगे। साथ ही उन्हें नई दिल्ली में 2020 के कर्मयोगी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा। जादव पायेंग ने पिछले कई वर्षों में नदी किनारे के पास जंगल का निर्माण कर विभिन्न प्रजातियों के जानवरों और पक्षियों का घर बनाने का काम किया है, जिसका नाम उनके नाम पर ‘मोलाई वन’ रखा गया है।
इस पुरस्कार की स्थापना राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश द्वारा 1990 में की गई थी, जिन्हें 1989 में चालीसवें राष्ट्रपति बनाया गया था। कॉमनवेल्थ पॉइंट्स ऑफ़ लाइट पुरस्कार 53 राष्ट्रमंडल देशों के प्रेरणादायक वालंटियर को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है।