गत विजेता इंग्लैंड ने विश्व चैंपियन स्पेन को पेनल्टी शूट आउट में 3-1 से पराजित करके लगातार दूसरी बार महिला यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप (यूरो 2025) का खिताब जीता। इंग्लैंड ने इस तरह से स्पेन से विश्व कप 2023 के फाइनल में मिली हार का बदलाव की चुकता कर दिया। स्पेन खिताबी हैट्रिक पूरी करने में नाकाम रहा। उसने विश्व कप के अलावा 2024 में यूईएफए नेशंस लीग का खिताब भी जीता था।
पृष्ठभूमि
इस टूर्नामेंट में इंग्लैंड की महिला फुटबॉल टीम, ‘लायनेसिस’, को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। फ्रांस के खिलाफ शुरुआती मुकाबले में हार के बाद उनकी संभावनाओं पर संदेह जताया गया। लेकिन कोच सरीना वाइगमैन के नेतृत्व में टीम ने सभी उम्मीदों को पीछे छोड़ते हुए क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल में अतिरिक्त समय (एक्स्ट्रा टाइम) के जरिए जीत हासिल कर ट्रॉफी अपने नाम की।
महत्त्व
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इंग्लैंड पहली ऐसी टीम बनी जिसने शुरुआती मैच हारने के बाद यूरो कप जीता।
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यह किसी भी इंग्लैंड सीनियर टीम की विदेशी धरती पर पहली बड़ी ट्रॉफी थी।
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इस जीत ने इंग्लैंड की महिला फुटबॉल में वैश्विक महाशक्ति के रूप में पहचान को और मजबूत किया।
अभियान की मुख्य विशेषताएं
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अटल जज़्बा: नॉकआउट मैचों में इंग्लैंड कुल मिलाकर सिर्फ 5 मिनट के लिए ही बढ़त में रही, फिर भी विजयी बनी रही।
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स्टार प्रदर्शन: क्लो केली ने निर्णायक गोल और अंतिम पेनल्टी लगाकर टीम की हीरो बनकर उभरीं; एलेसिया रूसो ने फाइनल में बराबरी का गोल किया।
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रक्षात्मक साहस: लूसी ब्रॉन्ज ने फ्रैक्चर के बावजूद खेलना जारी रखा; हैना हैम्पटन और लिया विलियमसन ने महत्वपूर्ण रक्षात्मक योगदान दिए।
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रणनीतिक कौशल: कोच वाइगमैन की रणनीति और सही समय पर किए गए बदलाव निर्णायक साबित हुए।
प्रभाव
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इंग्लैंड और यूरोप में महिला फुटबॉल की लोकप्रियता में भारी वृद्धि हुई।
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इस जीत ने विशेषकर युवा महिलाओं को फुटबॉल अपनाने के लिए प्रेरित किया।
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भविष्य के अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की मेज़बानी और प्रदर्शन को लेकर इंग्लैंड की दावेदारी और मजबूत हुई।


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