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Engineers Day 2025: जानें क्यों 15 सितंबर को मनाया जाता है इंजीनियर्स डे

भारत में 15 सितम्बर 2025 को इंजीनियर्स डे मनाया जाएगा, जो देश के महान अभियंता सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की 164वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। यह दिन उन अभियंताओं की अहम भूमिका को भी रेखांकित करता है जिन्होंने भारत के बुनियादी ढाँचे, तकनीकी प्रगति और भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

क्यों मनाया जाता है 15 सितम्बर को?

  • यह दिन सर एम. विश्वेश्वरैया (जन्म: 15 सितम्बर 1861, मुद्देनहल्ली, कर्नाटक) की जयंती को दर्शाता है।

  • वे भारत के विख्यात सिविल इंजीनियर थे जिन्होंने बांध निर्माण, बाढ़ प्रबंधन और औद्योगिक विकास में ऐतिहासिक योगदान दिया।

  • 1955 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” प्रदान किया गया।

  • भारत ने पहली बार 1967 में इंजीनियर्स डे मनाना शुरू किया।

2025 का विषय

 इस वर्ष इंजीनियर्स डे “डीप टेक और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता: भारत के टेकेड को आगे बढ़ाना” (Deep Tech & Engineering Excellence: Driving India’s Techade) है।  यह विषय इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया (IEI) द्वारा चुना गया है। इसका उद्देश्य यह दिखाना है कि AI, क्वांटम कम्प्यूटिंग, रोबोटिक्स, स्पेस इंजीनियरिंग और एडवांस्ड मैटेरियल्स जैसी तकनीकें भारत को वैश्विक तकनीकी नेतृत्व की ओर ले जाएँगी।

सर एम. विश्वेश्वरैया का जीवन और योगदान

  • जन्म: 15 सितम्बर 1861, मुद्देनहल्ली (कर्नाटक)

  • शिक्षा: कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे

  • महत्त्वपूर्ण परियोजना: कृष्णा राज सागर (KRS) बाँध, मैसूर

  • सार्वजनिक भूमिका: मैसूर राज्य के दीवान (1912–1918); उद्योगों, विद्यालयों और रेलवे के आधुनिकीकरण में योगदान

  • विशेष योगदान: हैदराबाद के लिए बाढ़ सुरक्षा प्रणाली का डिज़ाइन

  • सम्मान: भारत रत्न (1955)

ऐतिहासिक योगदान

योगदान विवरण
कृष्णा राज सागर बाँध सिंचाई, जल भंडारण और शहरी जलापूर्ति में क्रांतिकारी बदलाव
हैदराबाद में बाढ़ नियंत्रण प्रारंभिक बाढ़ सुरक्षा प्रणाली तैयार की
शहरी एवं औद्योगिक योजना संगठित नगर नियोजन, उद्योगों और शिक्षा को बढ़ावा दिया

इंजीनियर्स डे 2025 का महत्व

  • इंजीनियरिंग योगदान की मान्यता – सड़कों, पुलों, बिजली ग्रिड, डाटा सिस्टम, एयरोस्पेस और AI तक में इंजीनियरों की भूमिका।

  • युवाओं को प्रेरणा – छात्रों और युवा अभियंताओं को रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल तकनीक और विज्ञान में नवाचार की ओर प्रोत्साहन।

  • सतत विकास को बढ़ावा – ग्रीन टेक्नोलॉजी और जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण जैसी चुनौतियों का समाधान।

  • व्यावसायिक विकास – सेमिनार और कार्यशालाएँ नई तकनीकों और ज्ञान के आदान-प्रदान का अवसर देती हैं।

सामान्य उत्सव और गतिविधियाँ

प्रकार गतिविधियाँ
शैक्षिक कार्यक्रम टेक्निकल क्विज़, विज्ञान मेले, प्रोजेक्ट प्रदर्शनियां, निबंध प्रतियोगिताएँ
व्यावसायिक मान्यता इंजीनियरिंग अवॉर्ड, विशेषज्ञ व्याख्यान, नवाचार प्रदर्शन
सार्वजनिक अभियान अवसंरचना सफलता की कहानियाँ, टेक्नोलॉजी डेमो, जागरूकता अभियान

मुख्य तथ्य (Key Takeaways)

  • तारीख: 15 सितम्बर 2025

  • अवसर: इंजीनियर्स डे – सर एम. विश्वेश्वरैया की जयंती

  • थीम: “डीप टेक और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता : भारत के टेकडे को आगे बढ़ाते हुए”

  • पहली बार मनाया गया: 1967

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