चुनाव आयोग ने छह महीनों में चुनाव प्रणाली को मजबूत करने हेतु 28 सुधार पहलों का अनावरण किया

भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने बीते छह महीनों में पारदर्शिता, दक्षता और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए 28 महत्वपूर्ण पहलें लागू की हैं। ये सुधार तकनीकी एकीकरण, मतदाता सुविधा, सिस्टम शुद्धिकरण और क्षमता निर्माण तक फैले हुए हैं, जो एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी लोकतंत्र सुनिश्चित करने की आयोग की प्रतिबद्धता को मजबूत करते हैं।

सुधारों के छह स्तंभ

ये पहलें छह प्रमुख स्तंभों पर आधारित हैं:

  1. हितधारक सहभागिता

  2. निर्वाचन प्रणाली शुद्धिकरण

  3. प्रौद्योगिकी एकीकरण

  4. मतदाता सूची शुद्धिकरण

  5. मतदान की सुविधा

  6. क्षमता निर्माण

हर स्तंभ का उद्देश्य मतदाता विश्वास, प्रशासनिक दक्षता और संस्थागत जवाबदेही को सुदृढ़ करना है।

28 सुधारों की मुख्य झलकियाँ

1. हितधारक सहभागिता

  • पूरे देश में 4,700 से अधिक सर्वदलीय बैठकें

  • 28,000+ पार्टी प्रतिनिधियों की भागीदारी।

  • राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों के साथ 20 उच्च स्तरीय बैठकें, सुझाव और सर्वसम्मति निर्माण हेतु।

2. निर्वाचन प्रणाली शुद्धिकरण

  • निष्क्रिय राजनीतिक दलों को सूची से हटाना।

  • पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बीएलओ (Booth Level Officers) के लिए फोटो पहचान पत्र की शुरुआत।

  • ईवीएम सत्यापन प्रोटोकॉल को मज़बूत करना (माइक्रोकंट्रोलर सत्यापन, सुरक्षा प्रक्रिया)।

3. प्रौद्योगिकी एकीकरण

  • ECINET का शुभारंभ – 40+ चुनाव/मतदाता ऐप्स का एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म।

  • सभी मतदान केंद्रों से 100% वेबकास्टिंग, वास्तविक समय निगरानी हेतु।

  • रियल-टाइम वोटर टर्नआउट अपडेट, आम जनता और राजनीतिक दलों को उपलब्ध।

  • डेटा असंगति की स्थिति में VVPAT स्लिप की अनिवार्य गिनती, पारदर्शिता हेतु।

4. मतदाता सूची शुद्धिकरण

  • बिहार सहित पाँच राज्यों में विशेष संशोधन।

  • मृत्यु पंजीकरण डेटाबेस से रीयल-टाइम इंटीग्रेशन, मृत मतदाताओं का नाम हटाने हेतु।

  • डुप्लीकेट EPIC नंबरों का उन्मूलन।

  • SMS अलर्ट सेवा, जिससे नागरिकों को 15 दिन में मतदाता पहचान पत्र की जानकारी व डिलीवरी सुनिश्चित।

5. मतदान की सुविधा

  • मतदान केंद्रों के बाहर मोबाइल जमा काउंटर, सुरक्षा व सुविधा के लिए।

  • प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम सीमा में कमी, भीड़ नियंत्रण हेतु।

  • अधिक स्पष्टता वाले मतदाता सूचना पर्चे

  • प्रत्याशियों को मतदान केंद्र से 100 मीटर दूर बूथ लगाने की अनुमति (ग़ैर-आधिकारिक पहचान पर्ची हेतु)।

6. क्षमता निर्माण

  • 7,000+ बीएलओ और पर्यवेक्षकों का प्रशिक्षण (IIIDEM में)।

  • फील्ड और मतदान कर्मियों के लिए मानदेय व अल्पाहार में वृद्धि।

  • क्षमता निर्माण का दायरा ब्ला (Booth Level Agents), मीडिया कर्मियों और पुलिस अधिकारियों तक बढ़ाया।

संस्थागत क्षमता को मज़बूत करना

चुनाव आयोग ने आंतरिक संचालन में भी सुधार किए हैं:

  • चुनावी स्टाफ के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली

  • ई-ऑफिस प्रणाली अपनाना, ताकि दस्तावेज़ीकरण और निर्णय तेज़ हो सके।

  • कई प्रशासनिक कार्यों को IIIDEM में स्थानांतरित करना, ताकि संचालन सुगम बने।

ये सभी कदम चुनाव आयोग की सुशासन और पारदर्शिता का आदर्श मॉडल प्रस्तुत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

MEITY और MEA ने DigiLocker के जरिए पेपरलेस पासपोर्ट वेरिफिकेशन शुरू किया

भारत में डिजिटल इंडिया को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY)…

4 hours ago

S-500 मिसाइल सिस्टम: फीचर्स, रेंज, स्पीड, तुलना और भारत की दिलचस्पी

रूस की S-500 मिसाइल प्रणाली, जिसे आधिकारिक रूप से 55R6M “ट्रायंफेटर-M” या प्रोमेतेय कहा जाता…

5 hours ago

RBI मौद्रिक नीति दिसंबर 2025: दरों में कटौती और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45ZL के तहत भारत की मौद्रिक नीति समिति…

6 hours ago

Pakistan में आसिम मुनीर बने पहले चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस

पाकिस्तान की सैन्य कमान में एक ऐतिहासिक बदलाव करते हुए फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को…

6 hours ago

ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी 2026 तक गुरुग्राम में अपना पहला भारतीय कैंपस खोलेगी

भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, ऑस्ट्रेलिया की…

6 hours ago

जानें कैसे 29 साल की लड़की बनी दुनिया की सबसे युवा सेल्फ-मेड महिला अरबपति

सिर्फ 29 साल की उम्र में लुवाना लोप्स लारा (Luana Lopes Lara) ने दुनिया की…

7 hours ago