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ईस्ट कोस्ट रेलवे ने रचा इतिहास: 2024-25 में 250 मीट्रिक टन माल लदान करने वाला पहला रेलवे जोन बना

ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECoR) ने भारतीय रेलवे में एक नया मानदंड स्थापित किया है, जो वित्तीय वर्ष 2024-25 में 250 मिलियन टन (MT) मूल माल ढुलाई हासिल करने वाला भारत का पहला रेलवे ज़ोन बन गया है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि 21 मार्च 2024 को, निर्धारित समय से 11 दिन पहले ही प्राप्त कर ली गई, जिससे ECoR देश का सबसे अधिक माल ढुलाई करने वाला रेलवे ज़ोन बन गया है।

ईस्ट कोस्ट रेलवे की ऐतिहासिक उपलब्धि

ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECoR) ने एक बार फिर माल ढुलाई क्षेत्र में अपनी दक्षता और वर्चस्व को साबित किया है, लगातार दूसरे वर्ष 250 मिलियन टन (MT) मूल माल लदान का आंकड़ा पार कर लिया है। यह असाधारण उपलब्धि भारत की लॉजिस्टिक्स और आर्थिक वृद्धि में ECoR की महत्वपूर्ण भूमिका को और मजबूत करती है।

इस उपलब्धि का महत्व

सबसे अधिक माल ढुलाई करने वाला ज़ोन: ECoR ने भारतीय रेलवे के पिछले सभी माल ढुलाई मानकों को पार कर लिया है, जिससे यह देश का शीर्ष प्रदर्शन करने वाला रेलवे ज़ोन बन गया है।

निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन: लगातार दूसरे वर्ष ECoR ने 250 मिलियन टन से अधिक माल लदान का रिकॉर्ड बनाया है।

स्थायी वृद्धि: पिछले छह वर्षों से ECoR ने लगातार 200 मिलियन टन से अधिक माल लदान हासिल किया है, जो इसकी परिचालन क्षमता और रणनीतिक योजना का प्रमाण है।

माल अनलोडिंग प्रदर्शन

मूल माल ढुलाई के अलावा, ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECoR) ने माल अनलोडिंग में भी शानदार प्रदर्शन किया है:

  • 2024-25 में कुल माल अनलोडिंग: ECoR ने अपने क्षेत्राधिकार में 228.3 मिलियन टन (MT) माल उतारा।
  • पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में वृद्धि: यह 2023-24 की तुलना में 2.6% अधिक है।
  • निरंतर वृद्धि: 21 मार्च 2023 तक ECoR ने 222.4 मिलियन टन माल अनलोड किया था, जिससे इसकी निरंतर प्रगति साबित होती है।

ECoR की सफलता के प्रमुख योगदानकर्ता

ECoR के तीन प्रमुख रेलवे मंडलों ने इस रिकॉर्ड को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। माल लदान में मुख्य योगदानकर्ता निम्नलिखित हैं:

1. कोलफील्ड्स (खान क्षेत्र)

महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (MCL), तलचर – यह भारत में कोयला परिवहन के सबसे बड़े स्रोतों में से एक है और ECoR के माल ढुलाई में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

2. प्रमुख बंदरगाह (Major Ports)

ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECoR) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले पाँच प्रमुख बंदरगाहों ने माल परिवहन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है:

परेडिप बंदरगाह (Paradeep Port)
धामरा बंदरगाह (Dhamara Port)
विशाखापत्तनम बंदरगाह (Visakhapatnam Port)
गंगावरम बंदरगाह (Gangavaram Port)
गोपालपुर बंदरगाह (Gopalpur Port)

3. लौह अयस्क खदानें (Iron Ore Mines)

बैलाडीला खदानें (Bailadila Mines), छत्तीसगढ़ और केंदुझर जिले (Keonjhar District), ओडिशा की खदानें लोहे के अयस्क के प्रमुख स्रोत हैं और इनके परिवहन में ECoR की महत्वपूर्ण भूमिका है।

4. इस्पात और एल्युमिनियम उद्योग (Steel & Aluminium Industries)

इस्पात और एल्युमिनियम उद्योग भी ECoR के माल ढुलाई में प्रमुख योगदानकर्ता हैं, जिससे रेलवे के लिए माल परिवहन की निरंतर मांग बनी रहती है।

ECoR की सफलता के प्रमुख कारण (Factors Behind ECoR’s Success)

ECoR ने विभिन्न परिचालनिक चुनौतियों के बावजूद यह उपलब्धि हासिल की है। इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं:

1. सुव्यवस्थित योजना (Meticulous Planning)

प्रभावी लॉजिस्टिक्स योजना और उद्योगों एवं हितधारकों के साथ बेहतर समन्वय ने इस सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

2. सरकार और उद्योगों के साथ मजबूत समन्वय (Strong Coordination with Government & Industries)

ECoR ने सरकारी एजेंसियों, निजी उद्योगों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर सुचारु माल परिवहन सुनिश्चित किया है।

3. दक्षता के प्रति प्रतिबद्धता (Commitment to Efficiency)

ECoR के समर्पित कर्मचारियों ने समय पर माल परिवहन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कर्मचारियों की सकारात्मक सोच और निरंतर प्रयासों ने इस वृद्धि को बनाए रखने में सहायता की है।

ECoR के महाप्रबंधक का आधिकारिक बयान (Official Statement by ECoR General Manager)

ईस्ट कोस्ट रेलवे के महाप्रबंधक परमेश्वर फुंकवाल ने रेलवे कर्मचारियों की कड़ी मेहनत की सराहना करते हुए इस उपलब्धि के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा:

  • यह रिकॉर्ड-ब्रेकिंग माल लदान भारत की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
  • ECoR माल परिवहन की दक्षता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • यह उपलब्धि ECoR की देश में माल परिवहन क्षेत्र में अग्रणी स्थिति को और मजबूत करती है।

राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और लॉजिस्टिक्स पर प्रभाव (Impact on National Economy and Logistics)

औद्योगिक विकास को बढ़ावा (Boost to Industrial Growth)
कोयला, लौह अयस्क और इस्पात जैसे कच्चे माल का सुचारु परिवहन विभिन्न उद्योगों के विकास में सहायक है।

व्यापार और निर्यात में वृद्धि (Enhancing Trade and Exports)
प्रमुख बंदरगाहों के माध्यम से सुचारु माल परिवहन से निर्यात गतिविधियों को बल मिलता है।

रेलवे राजस्व में वृद्धि (Strengthening Railway Revenue)
माल ढुलाई में वृद्धि से भारतीय रेलवे की वित्तीय स्थिति मजबूत होती है।

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