दुनिया में हर साल अर्थ आवर डे (Earth Hour Day 2023) मनाया जाता है। वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (World Wide Fund for Nature/World Wide Fund) की तरफ से हर साल मार्च के महीने में आखिरी शनिवार को अर्थ आवर डे का आयोजन किया जाता है। इस दिन रात 8:30 से 9:30 बजे तक दुनिया भर के करोड़ों लोग अपनी स्वेच्छा से एक घंटे के लिए लाइट बंद कर देते हैं। इसका मकसद धरती को बेहतर बनाने के लिए एकजुटता का संदेश देना होता है। दुनिया में लोगों को प्रकृति और जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से हर साल ये दिन सेलिब्रेट किया जाता है।
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जानें क्या है Earth Hour?
Earth Hour वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर संस्था की ओर से दुनियाभर में मनाया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है। इसके तहत दुनियाभर के लोग एक घंटे के लिए बिजली की खपत को बंद कर देते हैं। अर्थ आवर को पहली बार 31 मार्च, 2007 को सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में मनाया गया था। धीरे-धीरे इस अभियान में अन्य देशों का भी सहयोग मिल गया और ये दुनिया का बहुत बड़ा अभियान बन गया। हर वर्ष मार्च महीने के हर अंतिम शनिवार को पूरे विश्व में एक घंटे के लिए अर्थ आवर (Earth Hour) मनाया जाता है और बिजली के सारे बल्बों को बंद कर दिया जाता है। आज इसे भारत समेत 172 देशों का समर्थन मिल रहा है।
क्या है अर्थ आवर मनाने की वजह
अर्थ आवर डे मनाने के पीछे मुख्य वजह ऊर्जा की खपत को बचाना और प्रकृति की सुरक्षा के लिए जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर ध्यान को केंद्रित करना है। इसके साथ ही प्रकृति के नुकसान को रोकना और मानव जाति के भविष्य को बेहतर बनाना है। इसके आयोजन के माध्यम से दुनियाभर के लोगों को हर दिन प्रकृति को होने वाले नुकसान के प्रति जागरुक किया जाता है। इसके अलावा प्रकृति के नुकसान को रोकने के लिए प्रेरित किया जाता है।
अर्थ आवर अभियान: महत्व
अर्थ आवर अभियान को 190 से ज्यादा देशों का सहयोग मिल रहा है। अब यह दुनिया में एक बहुत बड़ा अभियान बन चुका है। दुनियाभर के करोड़ों लोग हर साल इस वैश्विक कार्यक्रम में शामिल होते हैं। अर्थ आवर डे के दिन दुनिया के कई ऐतिहासिक इमारतों की बिजली को बंद कर दिया जाता है। बिजली बंद करने से कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलती है और ऊर्जा की भी बचत होती है।