दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए JAIHIND योजना (Janajati Immersive Holistic Intervention for Novel Development) शुरू की है, जिसका उद्देश्य देशभर के अनुसूचित जनजाति (ST) समुदायों के छात्रों को मूल कंप्यूटर शिक्षा और उच्च शिक्षा की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करना है। विशेष रूप से यह योजना कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) की तैयारी पर केंद्रित है, जिससे कक्षा 9 से 12 तक के छात्र डिजिटल और शैक्षणिक बाधाओं को पार कर सकें।
क्यों है यह खबर में?
18 जून 2025 को JAIHIND योजना की औपचारिक शुरुआत हुई, जिसमें मणिपुर के उखरूल जिले से आए 25 ST छात्रों का पहला बैच प्रशिक्षण के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय पहुंचा। यह पहल CUET को 2022 से सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए अनिवार्य बनाए जाने के बाद उत्पन्न डिजिटल पहुंच की असमानता को दूर करने की दिशा में एक ठोस कदम है।
उद्देश्य
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दूरदराज के ST छात्रों में डिजिटल साक्षरता को बढ़ाना
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CUET की तैयारी में सहायता प्रदान करना — जैसे ऑनलाइन फॉर्म भरना, लॉगिन प्रक्रिया, और प्रवेश से संबंधित संचार
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डिजिटल डिवाइड को समाप्त कर उच्च शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करना
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आदिवासी युवाओं को शिक्षावृत्ति और समावेशन की ओर अग्रसर करना
JAIHIND योजना की प्रमुख विशेषताएं
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कक्षा 9 से 12 तक के अनुसूचित जनजाति के छात्रों पर केंद्रित
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पहला बैच: मणिपुर के उखरूल जिले से 25 छात्र (12 लड़कियां, 13 लड़के) — शैक्षणिक योग्यता के आधार पर चयन
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प्रशिक्षण अवधि: 18 जून से 29 जून 2025 (दो सप्ताह)
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विषय: बेसिक कंप्यूटर स्किल्स, CUET अवेयरनेस, और उच्च शिक्षा की तैयारी
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यात्रा व आवास का संपूर्ण खर्च दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा उठाया गया
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भविष्य में योजना का विस्तार, DU के शिक्षक दूरस्थ जनजातीय क्षेत्रों में जाकर देंगे प्रशिक्षण
पृष्ठभूमि
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2022 से CUET सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए अनिवार्य है और यह कंप्यूटर आधारित परीक्षा है
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2023 में केवल 50.5% ST उम्मीदवार ही CUET में उपस्थित हो सके, जिससे डिजिटल पहुंच की समस्या उजागर हुई
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अधिकांश ST छात्र निजी कंप्यूटर नहीं रखते और साइबर कैफे पर निर्भर रहते हैं, जिससे जरूरी जानकारी छूट जाती है
अधिकारियों के बयान
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कुलपति योगेश सिंह ने कहा, “CUET की समझ छात्रों को उच्च शिक्षा की ओर ले जाने में अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
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डीन प्रो. के. रत्नबली ने कहा, “यह योजना छात्रों को केवल कंप्यूटर में नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय प्रणाली, प्रवेश प्रक्रिया, और कॉलेज जीवन की अपेक्षाओं को समझने में भी मदद करेगी।”
भविष्य की योजनाएं
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JAIHIND योजना को वार्षिक कार्यक्रम के रूप में संस्थागत रूप देने की योजना
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ST बहुल दूरदराज़ क्षेत्रों तक पहुंच बढ़ाकर छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में शामिल करना
यह पहल न केवल डिजिटल खाई को पाटने की दिशा में एक प्रभावी कदम है, बल्कि यह देश के आदिवासी युवाओं को समावेशी शिक्षा और राष्ट्र निर्माण की मुख्यधारा में लाने का सार्थक प्रयास भी है।