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प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक क्रोएशिया यात्रा: यूरोप के लिए भारत के प्रवेश द्वार को मजबूत करेगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 जून 2025 को क्रोएशिया की ऐतिहासिक यात्रा की, जिससे वह वहां जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए। यह यात्रा भारत की केंद्रीय और पूर्वी यूरोप (CEE) के प्रति रणनीतिक रुचि को दर्शाती है और भारत-क्रोएशिया संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ती है। यूरोप और भूमध्यसागर के संगम पर स्थित क्रोएशिया भारत के लिए आर्थिक, संपर्क और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है, विशेष रूप से India-Middle East-Europe Economic Corridor (IMEC) परियोजना के संदर्भ में।

क्यों है यह खबर में?

  • यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली आधिकारिक यात्रा है।

  • यह यात्रा पश्चिमी यूरोप से आगे बढ़कर भारत की CEE क्षेत्र में रणनीतिक पहुँच को दर्शाती है।

  • IMEC जैसे वैश्विक व्यापारिक गलियारों में क्रोएशिया की भूमिका को देखते हुए, यह भारत के व्यापार और भू-राजनीतिक हितों के लिए अहम है।

भारत-क्रोएशिया राजनयिक इतिहास

  • भारत ने मई 1992 में क्रोएशिया की स्वतंत्रता को मान्यता दी — ऐसा करने वाला वह प्रथम गैर-यूरोपीय देशों में शामिल था।

  • जुलाई 1992 में औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित हुए, और 1996 तक दोनों देशों में दूतावास खुल गए।

  • यूगोस्लाविया काल में, जोसीप ब्रोज़ टीटो (क्रोएशियाई-स्लोवेन मूल के नेता) और भारत के नेताओं के बीच गहरे संबंध थे।

क्रोएशिया का रणनीतिक महत्व

  • भौगोलिक स्थिति: एड्रियाटिक सागर पर स्थित, जो रिजेका, स्प्लिट और प्लोचे जैसे यूरोपीय बंदरगाहों से जोड़ता है।

  • Trans-European Transport Network (TEN-T) जैसे व्यापार गलियारों पर स्थित है।

  • भारत के लिए IMEC परियोजना में एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकता है — जो भारत को CEE और बाल्कन क्षेत्र से जोड़ेगा।

  • क्रोएशिया Three Seas Initiative (3SI) का हिस्सा है — जो 12 देशों का एक क्षेत्रीय मंच है, जो इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा और डिजिटल विकास पर केंद्रित है।

भारत-क्रोएशिया आर्थिक सहयोग

  • द्विपक्षीय व्यापार:

    • 2017 में $199.45 मिलियन से बढ़कर 2023 में $337.68 मिलियन तक पहुंचा।

  • भारत के प्रमुख निर्यात:

    • दवाएं, मशीनरी, वस्त्र, रसायन

  • क्रोएशिया के प्रमुख निर्यात:

    • सटीक उपकरण, रसायन, रबर, लकड़ी आधारित उत्पाद, तेल

सांस्कृतिक और सभ्यतागत जुड़ाव

  • क्रोएशियाई विद्वान फिलिप वेज़डिन (1748–1806) ने 1790 में लैटिन भाषा में पहला संस्कृत व्याकरण ग्रंथ प्रकाशित किया था।

  • क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज़ प्लेंकोविच ने इस ऐतिहासिक ग्रंथ की पुनर्मुद्रित प्रति पीएम मोदी को भेंट की।

  • गोवा की वास्तुकला में क्रोएशियाई मिशनरियों का योगदान रहा है (जैसे: चर्च ऑफ साओ ब्राज़)।

  • भारतीय संस्कृति और भाषा क्रोएशियाई विश्वविद्यालयों में लोकप्रिय अध्ययन विषय हैं।

भू-राजनीतिक प्रभाव

  • यह यात्रा क्षेत्र में चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के प्रभाव को संतुलित करने में मदद करती है।

  • पश्चिमी यूरोपीय देशों से परे जाकर CEE देशों के साथ जुड़ाव से भारत की यूरोपीय रणनीति संतुलित होती है।

  • कई CEE देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के समर्थन में हैं।

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