भारतीय नौसेना ने 12 सितम्बर 2025 को डीएससी A22 (Diving Support Craft – A22) का सफलतापूर्वक जलावतरण किया। यह पाँच जहाजों वाली डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट परियोजना का तीसरा पोत है। इसे टिटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (TRSL), कोलकाता द्वारा निर्मित किया गया है। इस अवसर पर जलावतरण समारोह की अध्यक्षता वाइस एडमिरल सुरज बेरी, कमांडर-इन-चीफ ने की, जबकि परंपरा के अनुसार जलावतरण श्रीमती कंगना बेरी द्वारा सम्पन्न हुआ।
डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट परियोजना
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नौसेना की तटीय डाइविंग क्षमता को मजबूत करने के लिए शुरू की गई।
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कार्य: पनडुब्बी बचाव, अंडरवॉटर निरीक्षण, हुल क्लीनिंग, साल्वेज (डूबे जहाज/सामान की निकासी) और ऑब्जेक्ट रिकवरी।
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‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का हिस्सा।
अनुबंध व निर्माणकर्ता
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अनुबंध: 12 फरवरी 2021 को रक्षा मंत्रालय (MoD) और टिटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड के बीच हस्ताक्षरित।
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TRSL, जो पहले रेल प्रणाली निर्माण के लिए प्रसिद्ध थी, अब रक्षा जहाज निर्माण क्षेत्र में प्रवेश कर रही है।
डिज़ाइन व तकनीकी विशेषताएँ
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हुल डिज़ाइन: कैटामरान संरचना (दोहरी पतवार), स्थिरता और डेक स्पेस अधिक।
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विस्थापन (Displacement): लगभग 380 टन।
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उद्देश्य: तटीय डाइविंग संचालन।
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सुविधाएँ: आधुनिक डाइविंग उपकरण जैसे डीकंप्रेशन चैम्बर, डाइवर लॉन्च-रिकवरी सिस्टम, अंडरवॉटर कटिंग/वेल्डिंग टूल्स।
स्वदेशी नवाचार और मानक
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निर्माण: भारतीय रजिस्टर ऑफ शिपिंग (IRS) के नौसेना नियमों के तहत।
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हाइड्रोडायनेमिक परीक्षण: नौसैनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (NSTL), विशाखापट्टनम में मॉडल टेस्टिंग।
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लाभ: ईंधन दक्षता, स्थिरता और संचालन क्षमता का अनुकूलन।
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रणनीतिक महत्व
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डीएससी A22 नौसेना की पानी के भीतर की क्षमताओं को बढ़ाएगा।
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मुख्य भूमिकाएँ:
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पनडुब्बी बचाव
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डूबे जहाज/सामान का साल्वेज
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अंडरवॉटर निरीक्षण व रखरखाव
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नौसैनिक गोताखोरों का प्रशिक्षण
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हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ते पानी के भीतर खतरों के बीच यह जहाज अत्यंत आवश्यक।
आत्मनिर्भर भारत और रक्षा उत्पादन
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पूरी तरह भारत में डिज़ाइन और निर्माण।
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निजी क्षेत्र की भागीदारी और रक्षा निर्माण क्षमता में विस्तार का उदाहरण।
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TRSL का रेल से नौसैनिक जहाज निर्माण की ओर सफलतापूर्वक प्रवेश।
मुख्य तथ्य (Key Takeaways)
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जहाज का नाम: डीएससी A22
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परियोजना: 5 डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट में से तीसरा
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निर्माता: टिटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड, कोलकाता
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जलावतरण तिथि: 12 सितम्बर 2025
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अध्यक्षता: वाइस एडमिरल सुरज बेरी
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डिज़ाइन: कैटामरान हुल, 380 टन विस्थापन
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मानक: IRS नियमों के अनुसार, NSTL द्वारा परीक्षण
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महत्व: मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक


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