रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 2 जनवरी, 2025 को अपना 67वां स्थापना दिवस मनाया। 1958 में स्थापित DRDO, 10 प्रयोगशालाओं से शुरू होकर आज भारत में लगभग 52 प्रयोगशालाओं और 5 DRDO युवा वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं (DYSLs) के विशाल नेटवर्क में परिवर्तित हो गया है। ये प्रयोगशालाएँ मिसाइलों, विमान, युद्धक वाहनों, नौसैनिक प्रणालियों, इलेक्ट्रॉनिक्स और जीवन विज्ञान सहित विभिन्न क्षेत्रों में उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए समर्पित हैं।
इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने DRDO मुख्यालय का दौरा किया, जहां उन्होंने वरिष्ठ वैज्ञानिकों और अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने DRDO की उपलब्धियों की सराहना की और स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र और स्टार्ट-अप्स के साथ अधिक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ और DRDO अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्य बिंदु और उपलब्धियाँ
- DRDO का मिशन: भारत की रक्षा को सशक्त बनाना
- DRDO का मिशन है भारत की सशस्त्र सेनाओं को अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों से लैस करना।
- महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और विदेशी आयात पर निर्भरता कम करने पर ध्यान केंद्रित करना।
- DRDO की प्रमुख उपलब्धियाँ: राष्ट्र की रक्षा
- अग्नि और पृथ्वी मिसाइल श्रृंखला: परमाणु वारहेड्स पहुँचाने में सक्षम।
- लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस: भारत का पहला स्वदेशी फाइटर जेट।
- अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक: भारत का उन्नत युद्धक टैंक।
- INS अरिहंत: भारत की पहली परमाणु संचालित पनडुब्बी।
- उन्नत रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियाँ।
- महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रौद्योगिकियाँ और रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकियाँ।
- DRDO की भविष्य की योजनाएँ
- DRDO कई नई पहलों पर काम कर रहा है, जिनमें शामिल हैं:
- हाइपरसोनिक मिसाइलें
- निर्देशित ऊर्जा हथियार
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
- भारतीय सेना के लिए 5G नेटवर्क
- क्वांटम कंप्यूटिंग
- DRDO कई नई पहलों पर काम कर रहा है, जिनमें शामिल हैं:
- 67वें स्थापना दिवस समारोह की प्रमुख हाइलाइट्स
- रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने DRDO मुख्यालय का दौरा किया।
- उन्होंने DRDO की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के विकास की सराहना की और इसे विकसित होती प्रौद्योगिकियों से आगे रहने के लिए प्रेरित किया।
- श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किया गया है, और DRDO को निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
- उन्होंने हर DRDO प्रयोगशाला से 2025 तक 2-3 महत्वपूर्ण परियोजनाएँ पूरी करने और अगले स्थापना दिवस तक 100 ऐसी परियोजनाएँ पूरी करने का आह्वान किया।
- रक्षा मंत्री द्वारा की गई प्रमुख घोषणाएँ
- निजी क्षेत्र के साथ सहयोग
- निजी कंपनियों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण बढ़ाने की आवश्यकता।
- 2024 में भारतीय उद्योगों के साथ 256 लाइसेंसिंग समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
- स्टार्ट-अप्स के लिए समर्थन
- अनुसंधान और विकास प्रयासों में स्टार्ट-अप्स को शामिल करने का विचार।
- उद्योग के साथ बातचीत के लिए प्रत्येक महीने दो बार ओपन डेज़ का आयोजन।
- युवाओं में जागरूकता और सहभागिता
- राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए युवाओं में जागरूकता बढ़ाना।
- नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अकादमी और उद्योग के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना।
- निजी क्षेत्र के साथ सहयोग
- DRDO की उद्योग और स्टार्ट-अप पहलों
- प्रौद्योगिकियों का हस्तांतरण (ToTs)
- 1,950 ToTs भारतीय उद्योगों को सौंपे गए।
- परीक्षण सुविधाओं का उद्घाटन
- DRDO की परीक्षण सुविधाएँ निजी उद्योगों और DPSUs के लिए खोली गईं।
- पिछले तीन वर्षों में 18,000 से अधिक परीक्षण किए गए, जिसमें 2024 में 5,000 परीक्षण किए गए।
- प्रौद्योगिकियों का हस्तांतरण (ToTs)
- उपलब्धियों की सराहना
- रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने लंबी दूरी की हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल के डिजाइन टीम को इस अवसर पर सम्मानित किया।
- DRDO का भविष्य दृष्टिकोण
- DRDO का उद्देश्य दुनिया के सबसे मजबूत अनुसंधान और विकास संगठनों में से एक बनना है, विशेष प्रौद्योगिकियों के विकास के साथ।
- इसका ध्यान ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र को बनाने पर है जो नागरिक अनुप्रयोगों के लिए द्विस्तरीय उपयोग प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दे।
सारांश/स्थिर जानकारी | विवरण |
समाचार में क्यों? | DRDO का 67वां स्थापना दिवस |
स्थापना वर्ष | 1958 |
प्रयोगशालाओं की संख्या | 52 DRDO प्रयोगशालाएँ + 5 युवा वैज्ञानिक प्रयोगशालाएँ (DYSLs) |
मिशन | भारत की रक्षा को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों से सशक्त बनाना |
मुख्य उपलब्धियाँ | अग्नि और पृथ्वी मिसाइलें, LCA तेजस, अर्जुन टैंक, INS अरिहंत, रडार, चिकित्सा प्रौद्योगिकियाँ |
भविष्य की पहलें | हाइपरसोनिक मिसाइलें, निर्देशित ऊर्जा हथियार, AI, 5G, क्वांटम कंप्यूटिंग |
मुख्य वक्ता | रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह |
मुख्य घोषणाएँ | – निजी क्षेत्र और स्टार्ट-अप्स के साथ सहयोग – 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किया गया – अगले स्थापना दिवस तक 100 महत्वपूर्ण परियोजनाएँ पूरी की जाएंगी |
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण | 1,950 ToTs भारतीय उद्योगों को सौंपे गए |
परीक्षणों की संख्या | 3 वर्षों में 18,000 परीक्षण; 2024 में 5,000 परीक्षण |
उपलब्धियों की सराहना | लंबी दूरी की हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल डिजाइन टीम को सम्मानित किया गया |
दृष्टिकोण | DRDO को दुनिया के प्रमुख अनुसंधान और विकास संगठन बनाने के लिए विशिष्ट प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करना |