रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation – DRDO) ने अपनी न्यूनतम सीमा के लिए स्वदेशी रूप से विकसित तीसरी पीढ़ी की मैन-पोर्टेबल एंटीटैंक गाइडेड मिसाइल (Man-Portable Antitank Guided Missile-MPATGM) का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया। मिसाइल को एक थर्मल साइट के साथ एकीकृत एक मानव-पोर्टेबल लांचर (man-portable launcher) से लॉन्च किया गया था, और सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया गया था।
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मिसाइल के बारे में:
- मिसाइल का अधिकतम रेंज के लिए पहले ही उड़ान परीक्षण किया जा चुका है।
- MPATGM एक कम वजन, आग और फॉर्गेट मिसाइल है, जिसे उन्नत एवियोनिक्स (advanced avionics) के साथ-साथ अत्याधुनिक लघु इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर (Infrared Imaging Seeker) के साथ शामिल किया गया है।
- इसे भारतीय सेना की युद्धक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए विकसित किया जा रहा है।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- डीआरडीओ अध्यक्ष: डॉ जी सतीश रेड्डी (Dr G Satheesh Reddy)।
- डीआरडीओ मुख्यालय: नई दिल्ली।
- डीआरडीओ की स्थापना: 1958।