रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एरोनॉटिकल टेस्ट रेंज से ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर की पहली उड़ान को सफलतापूर्वक परीक्षण किया । उड़ान पूरी तरह से स्वायत्त मोड में संचालित हुई। विमान ने एक संपूर्ण उड़ान का प्रदर्शन किया, जिसमें टेक-ऑफ, वे पॉइंट नेविगेशन और एक आसान टचडाउन शामिल है।
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प्रमुख बिंदु :
- एक छोटे टर्बोफैन इंजन द्वारा संचालित मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी)।
- इसे डीआरडीओ की अनुसंधान प्रयोगशालाओं में से एक, वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई), बेंगलुरु द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
- ध्यान अब रक्षा में आत्मनिर्भर भारत पर है और सरकार ने सशस्त्र बलों से स्वदेशी प्लेटफॉर्म और कम आयात खरीदने का आग्रह किया है। इस साल के केंद्रीय बजट में, घरेलू रक्षा खरीद के लिए 70,221 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं, और यह रक्षा पूंजी बजट का 63 प्रतिशत है।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- डीआरडीओ की स्थापना: 1 जनवरी 1958;
- डीआरडीओ मुख्यालय: नई दिल्ली;
- डीआरडीओ अध्यक्ष: जी सतीश रेड्डी;
- डीआरडीओ आदर्श वाक्य: शक्ति की उत्पत्ति ज्ञान में है।