महिला घुड़सवार दिव्यकृति सिंह को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। वे देश के सबसे प्रतिष्ठित खेल पुरस्कारों में से एक अर्जुन अवॉर्ड को पाने वाली पहली महिला घुड़सवार बन गई हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में दिव्यकृति सिंह को अर्जुन अवॉर्ड प्रदान कर सम्मानित किया। दिव्यकृति पिछले पांच वर्षों में अर्जुन अवॉर्ड पाने वाली राजस्थान की एकमात्र महिला हैं। यह घोषणा न केवल दिव्यकृति के लिए बल्कि उनके गृह राज्य राजस्थान के लिए भी गर्व का क्षण है, क्योंकि वह वर्तमान वर्ष में अर्जुन अवॉर्ड प्राप्त करने वाली क्षेत्र की एकमात्र प्रतिनिधि हैं। इक्वेस्ट्रियन में एशियाई खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं।
दिव्यकृति सिंह का जीवन परिचय
दिव्यकृति सिंह राजस्थान के नागौर जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने अजमेर के मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल और द पैलेस स्कूल जयपुर से शिक्षा हासिल की है। दिव्यकृति पिछले कुछ सालों से जर्मनी में घुड़सवारी की ट्रेनिंग ले रही हैं। घुड़सवारी उन्हें विरासत में मिली। उनके पिता विक्रम सिंह राठौड़ राजस्थान पोलो संघ से जुड़े रहे हैं।
घुड़सवारी में दिव्यकृति का करियर
घुड़सवारी में भारत को 41 साल के लंबे इंतजार के बार ऐतिहासिक स्वर्ण पदक मिला है, जिसका श्रेय दिव्यकृति सिंह को जाता है। वह भारतीय घुड़सवारी ड्रेसेज टीम की सदस्य हैं। वर्ष 2022 में दिव्यकृति का एशियन गेम्स में चयन नहीं हो सका था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और प्रेक्टिस जारी रखी और इस वर्ष स्वर्ण पदक हासिल किया।
दिव्यकृति की रैंकिंग
इसके पहले रियाद, सऊदी अरब में अंतर्राष्ट्रीय ड्रेसेज प्रतियोगिता में दिव्यकृति रजत और दो कांस्य पदक हासिल कर चुकी हैं। मार्च 2023 में अंतर्राष्ट्रीय एक्वेस्ट्रियन फेडरेशन की ओर से जारी ग्लोबल ड्रेसेज रैंकिंग में दिव्यकृति एशिया में नंबर 1 और विश्व में नंबर 14 स्थान पर रहीं।
दिव्यकृति की शिक्षा
दिव्यकृति ने अपनी पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज से पढ़ाई के दौरान ही यूरोप में (नीदरलैंड, बेल्जियम, जर्मनी, ऑस्ट्रिया) में ट्रेनिंग ले रही थीं। इतना ही नहीं, उन्होंने दुनिया में घुड़सवारी की राजधानी माने जाने वाले वेलिंगटन-फ्लोरिडा, संयुक्त राज्य अमेरिका में भी ट्रेनिंग ली है।