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डिजिटल भुगतान मार्च 2023 तक सालाना आधार पर 13.24 प्रतिशत बढ़ा

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ऑनलाइन लेनदेन को अपनाने को मापने वाले आरबीआई के इंडेक्स के अनुसार, देश भर में डिजिटल भुगतान में मार्च 2023 तक एक वर्ष में 13.24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। आरबीआई का डिजिटल भुगतान इंडेक्स (आरबीआई-डीपीआई) मार्च 2023 के अंत में 395.57 पर था, जबकि सितंबर 2022 में 377.46 और मार्च 2022 में 349.30 था।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बयान में कहा कि इस अवधि के दौरान देश भर में भुगतान बुनियादी ढांचे (Payment Infrastructure) और भुगतान प्रदर्शन(Payment Performance) में महत्वपूर्ण वृद्धि के कारण आरबीआई-डीपीआई इंडेक्स सभी मापदंडों में बढ़ा है।

 

कैसे होता है इंडेक्शन

केंद्रीय बैंक ने देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा को पकड़ने के लिए आधार के रूप में मार्च 2018 में एक समग्र RBI-DPI के निर्माण की घोषणा की थी। इस इंडेक्स में पांच व्यापक पैरामीटर शामिल हैं, जो विभिन्न अवधियों में देश में डिजिटल भुगतान की गहराई और पैठ को मापने में सक्षम बनाते हैं।

पैरामीटर में भुगतान सक्षमकर्ता ( 25 प्रतिशत) हैं, भुगतान अवसंरचना – मांग-पक्ष कारक (10 प्रतिशत), भुगतान अवसंरचना – आपूर्ति-पक्ष कारक (15 प्रतिशत), भुगतान निष्पादन (45 प्रतिशत) और उपभोक्ता केंद्रितता (5 प्रतिशत) हैं। आपको बता दें कि ये सूचकांक चार महीने के अंतराल के साथ मार्च 2021 से अर्ध-वार्षिक आधार पर प्रकाशित किया जाता है।

 

एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (UPI) का प्रभाव

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने भारत में डिजिटल भुगतान में वृद्धि को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पीडब्ल्यूसी इंडिया की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2026-27 तक यूपीआई लेनदेन प्रति दिन 1 बिलियन लेनदेन तक पहुंचने का अनुमान है। खुदरा क्षेत्र में, वित्त वर्ष 2012-23 की अवधि के दौरान यूपीआई लेनदेन कुल लेनदेन मात्रा का लगभग 75% रहा है।

 

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