भारत ने आयुर्वेद और समग्र स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ के तहत पाँच गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (NCISM) और आयुष मंत्रालय के सहयोग से इस अभियान का पहला चरण 20 फरवरी 2025 को मुंबई में संपन्न हुआ। इस पहल ने आयुर्वेद को सार्वजनिक स्वास्थ्य से जोड़ने और स्वास्थ्य देखभाल में डेटा-संचालित दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ की प्रमुख उपलब्धियाँ
गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स
एक सप्ताह में किसी स्वास्थ्य अभियान के लिए सबसे अधिक संकल्प प्राप्त करने का रिकॉर्ड
➤ 6,004,912 संकल्प (नया वैश्विक मानक, इससे पहले कोई रिकॉर्ड नहीं था)।
एक महीने में किसी स्वास्थ्य अभियान के लिए सबसे अधिक संकल्प प्राप्त करने का रिकॉर्ड
➤ 13,892,976 संकल्प (पूर्व रिकॉर्ड: 58,284, चीन की सिग्ना और सीएमबी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी)।
अब तक किसी स्वास्थ्य अभियान के लिए सबसे अधिक संकल्प प्राप्त करने का रिकॉर्ड
➤ 13,892,976 संकल्प (पूर्व रिकॉर्ड: 569,057, ज़िफी एफडीसी लिमिटेड, भारत)।
सबसे बड़े ऑनलाइन फोटो एलबम का रिकॉर्ड (डिजिटल प्रमाणपत्र प्रदर्शित करते हुए लोगों की तस्वीरें)
➤ 62,525 तस्वीरें (पूर्व रिकॉर्ड: 29,068, एक्सेंचर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, भारत)।
सबसे बड़े ऑनलाइन वीडियो एलबम का रिकॉर्ड (एक ही वाक्य कहते हुए लोगों के वीडियो)
➤ 12,798 वीडियो (पूर्व रिकॉर्ड: 8,992 वीडियो, ‘घे भरारी’ अभियान, भारत)।
अभियान का महत्व
- जनभागीदारी का व्यापक स्तर पर विस्तार – 1.29 करोड़ से अधिक लोगों ने प्रकृति परीक्षण (प्रकृति निर्धारण) में भाग लिया, जो 1 करोड़ के लक्ष्य से अधिक था।
- स्वयंसेवी प्रयासों की अभूतपूर्व भागीदारी – कुल 1,81,667 स्वयंसेवक शामिल हुए, जिनमें 1,33,758 आयुर्वेद विद्यार्थी, 16,155 शिक्षक, और 31,754 चिकित्सक शामिल थे।
- शीर्ष नेतृत्व का समर्थन – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर अभियान की शुरुआत की, और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली प्रतिभागी बनीं।
- स्वास्थ्य सेवा में आयुर्वेद का सशक्तिकरण – इस पहल ने आयुर्वेद की भूमिका को रोग-निवारक चिकित्सा और जीवनशैली प्रबंधन में मजबूत किया।
- वैश्विक मान्यता – इस अभियान ने आयुर्वेद को आधुनिक चिकित्सा के साथ जोड़ने और वैज्ञानिक प्रमाण-आधारित शोध को बढ़ावा देने में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को मजबूत किया।
समापन समारोह में उपस्थित प्रमुख गणमान्य व्यक्ति
- श्री प्रतापराव जाधव – केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
- श्री प्रकाश आबिटकर – महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री
- वैद्य राजेश कोटेचा – सचिव, आयुष मंत्रालय
- वैद्य जयंत देवपुजार – अध्यक्ष, राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (NCISM)
- रिचर्ड विलियम्स स्टेनिंग – गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायक अधिकारी, जिन्होंने आधिकारिक रूप से उपलब्धियों की पुष्टि की
भविष्य की संभावनाएँ
- आयुर्वेद का सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में एकीकरण और अधिक सशक्त होगा।
- साक्ष्य-आधारित शोध को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आयुर्वेद की वैश्विक स्वीकृति बढ़ेगी।
- समग्र स्वास्थ्य संवर्धन के लिए भविष्य में इसी तरह के अभियानों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
क्यों चर्चा में? | ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ ने 5 गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए |
कार्यक्रम का नाम | देश का प्रकृति परीक्षण अभियान (प्रथम चरण) |
आयोजक संस्था | राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (NCISM) एवं आयुष मंत्रालय |
गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स | जनस्वास्थ्य जागरूकता हेतु 5 विश्व रिकॉर्ड |
कुल संकल्प संख्या | 1,38,92,976 |
कुल प्रतिभागी | 1.29 करोड़ |
कुल स्वयंसेवक | 1,81,667 (विद्यार्थी, शिक्षक, चिकित्सक) |
प्रथम प्रतिभागी | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू |
शुभारंभ घोषणा | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर |
महत्व | आयुर्वेद को निवारक और व्यक्तिगत स्वास्थ्य देखभाल में मजबूत करना |
भविष्य पर प्रभाव | आधुनिक चिकित्सा के साथ आयुर्वेद का एकीकरण, वैश्विक पहचान और शोध प्रगति |