नमिता गोखले की नई पुस्तक ‘लाइफ ऑन मार्स: कलेक्टेड स्टोरीज़’ में 15 कहानियों का संग्रह है, जो प्रेम, भाग्य और मानव अस्तित्व जैसे विषयों की पड़ताल करता है। जनवरी 2025 में प्रकाशित यह संकलन लेखिका की कथा कहने की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसमें उनकी पूर्व प्रकाशित कहानियाँ और नई रचनाएँ शामिल हैं, जो उनके दृष्टिकोण के विकास को उजागर करती हैं। यह पुस्तक दो खंडों— ‘लव एंड अदर डिरेंजमेंट्स’ और ‘द मिरर ऑफ द महाभारत’— में विभाजित है, जो संबंधों, पौराणिक कथाओं और मानवीय भावनाओं को विभिन्न दृष्टिकोणों से प्रस्तुत करते हैं।
कैसे ‘लाइफ ऑन मार्स’ गोखले की साहित्यिक यात्रा को दर्शाती है?
गोखले के अनुसार, यह संग्रह उनके जीवन और लेखन यात्रा का प्रतिबिंब है। पुस्तक का पहला भाग प्रेम और रिश्तों की जटिलताओं को दर्शाता है, जबकि दूसरा भाग पौराणिक कथाओं की पुनर्कल्पना करता है। एक कहानी में कुंती और गांधारी को कुरुक्षेत्र युद्ध के बाद अपने व्यक्तिगत दुःख से जूझते हुए दिखाया गया है, जबकि एक अन्य कहानी में नल और दमयंती की प्रेम कथा को एक हंस के दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है। इन कहानियों में ऐतिहासिक गहराई, भावनात्मक तत्व और समकालीन कथा शैली का अनूठा संगम देखने को मिलता है।
गोखले ने अपने लेखन करियर की चुनौतियों को कैसे पार किया?
उनकी पहली पुस्तक ‘पारो: ड्रीम्स ऑफ पैशन’ (1984) को मिली सफलता के बावजूद, उन्हें एक दशक तक अस्वीकृति का सामना करना पड़ा। कई प्रकाशकों ने उन्हें “क्षणिक चमक” कहकर नकार दिया, जिससे उन्हें अपने साहित्यिक भविष्य पर संदेह हुआ। हालांकि, उन्होंने लघु कथाओं के माध्यम से वापसी की, और 1990 के दशक के मध्य में लिखी गई कहानी ‘ओमेन I’ उनके पुनरुत्थान की नींव बनी। ‘लाइफ ऑन मार्स’ में इस संघर्ष की झलक मिलती है, जहां वे पुरानी और नई कहानियों को जोड़ते हुए भारतीय साहित्य में अपनी सशक्त उपस्थिति को दोबारा स्थापित करती हैं।
क्या गोखले की कहानियाँ विभिन्न पीढ़ियों के लिए प्रासंगिक हैं?
चार दशकों में, नमिता गोखले ने ‘शकुंतला’, ‘थिंग्स टू लीव बिहाइंड’, ‘नेवर नेवर लैंड’ सहित 24 कथा और गैर-कथा पुस्तकें लिखी हैं। उनकी लेखनी हास्य, व्यंग्य और आत्मनिरीक्षण का अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करती है। वे परंपरागत कथा शैलियों को चुनौती देती हैं और युवा, वृद्ध और उनके बीच की जिंदगियों के अनुभवों को अपने लेखन में समाहित करती हैं।
गोखले भारतीय साहित्य में एक प्रभावशाली आवाज़ क्यों हैं?
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की सह-संस्थापक के रूप में, नमिता गोखले ने भारत में साहित्यिक संवादों को नया आयाम दिया है। उनकी विविध विषयों की खोज और मजबूत कथानक शैली उनके लेखन को प्रासंगिक और रोचक बनाए रखती है। ‘लाइफ ऑन मार्स’ के साथ, वे न केवल अपनी पुरानी कहानियों को पुनः प्रस्तुत कर रही हैं, बल्कि यह भी साबित कर रही हैं कि वे समय के साथ विकसित होने वाली एक महत्वपूर्ण साहित्यकार हैं।
मुख्य पहलू | विवरण |
क्यों चर्चा में? | नमिता गोखले की ‘लाइफ ऑन मार्स’ जनवरी 2025 में प्रकाशित हुई |
पुस्तक का शीर्षक | ‘लाइफ ऑन मार्स: कलेक्टेड स्टोरीज़’ |
कुल कहानियाँ | 15 |
मुख्य विषय | प्रेम, भाग्य, पौराणिक कथाएँ, मानव अस्तित्व |
पुस्तक के खंड | ‘लव एंड अदर डिरेंजमेंट्स’, ‘द मिरर ऑफ द महाभारत’ |
प्रमुख कहानियाँ | कुंती और गांधारी का शोक, हंस के दृष्टिकोण से नल-दमयंती की प्रेम गाथा |
करियर संघर्ष | ‘पारो’ (1984) के बाद एक दशक तक अस्वीकृति का सामना किया |
टर्निंग पॉइंट | 1990 के दशक के मध्य में लघु कथा ‘ओमेन I’ से करियर को नई दिशा मिली |
कुल प्रकाशित पुस्तकें | 24 (कथा एवं गैर-कथा) |
अन्य प्रसिद्ध कृतियाँ | ‘शकुंतला’, ‘थिंग्स टू लीव बिहाइंड’, ‘नेवर नेवर लैंड’ |
साहित्य में प्रभाव | जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की सह-संस्थापक |
लेखन शैली | हास्य, व्यंग्य, पौराणिक कथाएँ और गहरी भावनाएँ का मिश्रण |