महिलाओं की सार्वजनिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए, दिल्ली पुलिस ने सभी जिलों में ‘शिष्टाचार’ स्क्वॉड लॉन्च किए हैं। ये एंटी-ईव-टीज़िंग स्क्वॉड सक्रिय गश्त, अचानक जांच और सार्वजनिक जागरूकता अभियानों के माध्यम से छेड़खानी और उत्पीड़न को रोकने के लिए काम करेंगे। वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में यह पहल रोकथाम, हस्तक्षेप और पीड़ित सहायता पर केंद्रित है, जिससे राजधानी में महिलाओं के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाया जा सके।
‘शिष्टाचार’ स्क्वॉड की प्रमुख विशेषताएं
गठन और पर्यवेक्षण
- प्रत्येक जिले में कम से कम दो स्क्वॉड होंगे।
- इनकी निगरानी संबंधित जिले के महिला अपराध (CAW) प्रकोष्ठ के एसीपी द्वारा की जाएगी।
दल का गठन
- 1 इंस्पेक्टर और 1 सब-इंस्पेक्टर।
- 4 महिला पुलिसकर्मी और 5 पुरुष पुलिसकर्मी।
- निगरानी सहायता के लिए एंटी-ऑटो थेफ्ट स्क्वॉड का 1 तकनीकी विशेषज्ञ।
संचालन एवं गश्त
- हर स्क्वॉड को 1 चार पहिया वाहन और कई दोपहिया वाहन दिए जाएंगे।
- जोखिम वाले इलाकों में प्रतिदिन गश्त और प्रति दिन कम से कम दो लक्षित अभियान।
- सादी वर्दी में महिला अधिकारी गश्त करके छेड़खानी करने वालों की पहचान करेंगी।
- दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के स्टाफ और यात्रियों के सहयोग से सार्वजनिक परिवहन में आकस्मिक निरीक्षण, जिससे घटना की रिपोर्टिंग को प्रोत्साहन मिलेगा।
संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान
- प्रत्येक जिले के DCP संवेदनशील क्षेत्रों की सूची तैयार करेंगे।
- यह सूची आगे की कार्रवाई के लिए महिला एवं बाल सुरक्षा विशेष पुलिस इकाई (SPUWAC) को सौंपी जाएगी।
उत्तर प्रदेश के ‘एंटी-रोमियो स्क्वॉड’ से तुलना
- बीजेपी ने दिल्ली में ‘एंटी-रोमियो स्क्वॉड’ बनाने का वादा किया था, जो उत्तर प्रदेश की पहल पर आधारित था।
- हालांकि, ‘शिष्टाचार’ स्क्वॉड एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाता है, जो केवल रोकथाम ही नहीं, बल्कि हस्तक्षेप और पीड़ित सहायता को भी शामिल करता है।
विषय | विवरण |
क्यों चर्चा में? | दिल्ली पुलिस ने छेड़खानी रोकने के लिए ‘शिष्टाचार‘ स्क्वॉड लॉन्च किया |
उद्देश्य | सार्वजनिक स्थलों पर छेड़खानी और उत्पीड़न को रोकना |
पर्यवेक्षण प्राधिकरण | प्रत्येक जिले के महिला अपराध (CAW) प्रकोष्ठ के एसीपी |
स्क्वॉड का गठन | 1 इंस्पेक्टर, 1 सब-इंस्पेक्टर, 4 महिला अधिकारी, 5 पुरुष अधिकारी, 1 तकनीकी विशेषज्ञ |
संचालन | संवेदनशील इलाकों में गश्त, सार्वजनिक परिवहन में आकस्मिक जांच, सादी वर्दी में निगरानी |
परिवहन साधन | प्रत्येक स्क्वॉड को 1 चार पहिया वाहन और कई दोपहिया वाहन |
संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान | जिला डीसीपी द्वारा संकलित सूची और SPUWAC को रिपोर्ट |
उत्तर प्रदेश के ‘एंटी-रोमियो स्क्वॉड‘ से तुलना | दोनों का उद्देश्य महिला सुरक्षा है, लेकिन ‘शिष्टाचार‘ स्क्वॉड में हस्तक्षेप और पीड़ित सहायता भी शामिल |