डीएसी ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन और विकास के तहत वीएसहोराड मिसाइल प्रणाली की खरीद को लेकर एओएन को भी मंजूरी दी है। मंत्रालय ने कहा कि उत्तरी सीमाओं पर हाल के घटनाक्रम के मद्देनजर प्रभावी वायु रक्षा हथियार प्रणालियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिसे दुर्गम इलाकों और समुद्री क्षेत्र में तेजी से तैनात की जा सकती हैं। मंत्रालय ने कहा कि वीएसहोराड की खरीद, एक मजबूत और शीघ्रता से तैनात करने योग्य प्रणाली के रूप में, वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगी।
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बयान में कहा गया कि इसके अलावा, डीएसी ने भारतीय नौसेना के लिए शिवालिक वर्ग के जहाजों और अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों (एनजीएमवी) के संबंध में ब्रह्मोस लॉन्चर तथा फायर कंट्रोल सिस्टम (एफसीएस) की खरीद को मंजूरी दे दी है. मंत्रालय ने कहा कि इन साजो सामान के शामिल होने से इन जहाजों में समुद्री हमले को अंजाम देने, दुश्मन के युद्धपोतों और व्यापारिक जहाजों को नष्ट करने की क्षमता बढ़ जाएगी।
वीएसहोराड मिसाइल प्रणाली के बारे में
- यह एक मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPADS) है।
- ये कम दूरी की, हल्की और पोर्टेबल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं जिन्हें व्यक्तियों या छोटे समूहों द्वारा विमान या हेलीकाप्टरों को नष्ट करने के लिए दागा जा सकता है।
- इनकी अधिकतम सीमा 8 किलोमीटर है और ये 4.5 किमी की ऊंचाई पर लक्ष्य भेद सकते हैं।
- मिसाइल में एक लघु प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (आरसीएस) और एकीकृत वैमानिकी सहित कई नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं, जिन्हें परीक्षणों के दौरान सफलतापूर्वक सिद्ध किया गया है।