भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अंडमान सागर के ऊपर एक ऊपरी वायुमंडलीय चक्रवाती परिसंचरण (cyclonic circulation) की पहचान की है, जो 16 से 22 मई के बीच एक निम्न-दाब क्षेत्र (low-pressure system) में विकसित हो सकता है। यदि तीव्रता बढ़ती है, तो यह 23 से 28 मई के बीच एक चक्रवातीय तूफान (cyclonic storm) का रूप ले सकता है, जिसे चक्रवात शक्ति नाम दिया जाएगा (यह नाम श्रीलंका द्वारा प्रस्तावित किया गया है)।
संभावित लैंडफॉल (तट पर टकराने की संभावना)
-
समयसीमा: 24 से 26 मई के बीच
-
उच्च जोखिम क्षेत्र:
-
भारत: ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाके
-
बांग्लादेश: खुलना और चटगांव क्षेत्र
-
-
चेतावनी: यह तूफान तेज हवाएं, भारी वर्षा और तूफानी लहरें ला सकता है, विशेषकर निचले तटीय क्षेत्रों में।
चक्रवात शक्ति का भारतीय मानसून पर प्रभाव
-
दक्षिण-पश्चिम मानसून पहले ही दक्षिण बंगाल की खाड़ी, दक्षिण अंडमान सागर, निकोबार द्वीपसमूह और उत्तर अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में पहुंच चुका है।
-
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि चक्रवात शक्ति प्रणाली:
-
मुख्यभूमि भारत में मानसून की शुरुआत के समय और ताकत को प्रभावित कर सकती है।
-
खासकर पूर्वी तट पर, हवाओं के पैटर्न और वर्षा वितरण में अस्थायी बदलाव ला सकती है।
-
प्रारंभिक चरण में पूर्वी भारत में वर्षा बढ़ा सकती है, लेकिन इसके बाद मानसून की प्रगति को धीमा कर सकती है।
-
IMD द्वारा 14 मई, 2025 तक की चेतावनी और स्थिति
-
1.5 किमी से 7.6 किमी की ऊंचाई के बीच चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय
-
प्रणाली दक्षिण-पश्चिम दिशा में झुक रही है
-
3रे से 4थे सप्ताह मई में चक्रवात बनने की अनुकूल परिस्थितियाँ
-
ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय निवासियों को सतर्क रहने की सलाह
-
आपातकालीन और आपदा प्रबंधन दल स्टैंडबाय पर
-
IMD और क्षेत्रीय मौसम केंद्र स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं
अंडमान सागर में चक्रवात निर्माण और संभावित प्रभाव
अंडमान सागर, मानसून से पूर्व चक्रवात बनने का एक सक्रिय क्षेत्र है, इसके कारण:
-
समुद्री सतह का तापमान अधिक
-
कम पवन कतरन (low wind shear)
-
वातावरण में उच्च आर्द्रता
-
यह प्रणाली उष्णकटिबंधीय तूफान बनने के लिए आदर्श परिस्थितियाँ प्रस्तुत कर रही है।
यदि स्थितियाँ ऐसी ही बनी रहीं तो चक्रवात शक्ति:
-
बंगाल की खाड़ी में समुद्री गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है
-
तटीय क्षेत्रों में निकासी की आवश्यकता उत्पन्न कर सकता है
-
पूर्वी तटीय राज्यों में प्रारंभिक मानसूनी वर्षा ला सकता है
-
नौवहन और विमानन मार्गों को बाधित कर सकता है
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में आने वाले दिनों में भारी वर्षा और तेज हवाएं चलने की संभावना है।
चक्रवात शक्ति: भारत में वर्षा पूर्वानुमान
चक्रवात के विकास के साथ-साथ, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मई के मध्य और अंत तक देशभर में व्यापक वर्षा की संभावना जताई है।
वर्षा प्रभावित क्षेत्र:
-
उत्तर भारत: जम्मू और कश्मीर, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश
-
मध्य भारत: छत्तीसगढ़, पूर्वी राजस्थान
-
दक्षिण भारत: कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल
-
पूर्वी भारत: ओडिशा, पश्चिम बंगाल
अपेक्षित मौसम परिस्थितियाँ:
-
हल्की से मध्यम वर्षा
-
गरज-चमक के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना
-
तेज हवाएं (40–60 किमी/घंटा तक)
-
चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर तीव्र वर्षा
-
तटीय और निचले इलाकों में शहरी बाढ़ और भूस्खलन की आशंका अधिक
अंतिम सलाह: तैयारियाँ और निगरानी
जैसे-जैसे मौसम प्रणाली विकसित हो रही है, IMD और राज्य सरकारें नियमित बुलेटिन जारी कर रही हैं। विशेषकर ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के तटीय जिलों के निवासियों को निम्नलिखित सलाह दी गई है:
-
चक्रवात आश्रयों और निकासी मार्गों की जानकारी रखें
-
जरूरी वस्तुएं और दवाइयाँ पहले से स्टॉक करें
-
समुद्र यात्रा और मछली पकड़ने की गतिविधियों से बचें
-
केवल आधिकारिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें और अफवाहों से बचें


Year Ender 2025: भारत में प्रमुख संवैधान...
दुनिया की सबसे लंबी नदियाँ: देश-वार और म...
स्टारलिंक इंटरनेट: ग्लोबल कनेक्टिविटी मे...

